नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के पुरानी दिल्ली के छह स्कूलों को बंद करने और उन्हें क्षेत्र के दूसरे स्कूलों में मर्ज करने के फैसले के खिलाफ अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर इस फैसले को रद्द करने के लिए मांग किया है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ ज़फ़र उल इस्लाम खान ने श्री सिसोदिया को भेजे गए पत्र में लिखा है कि इस संबंध में शिक्षा विभाग ने पिछले 7 जुलाई को एक परिपत्र जारी किया था। लेकिन क्षेत्र के लोगों के विरोध के कारण 14 जुलाई को सरकार ने घोषणा की थी कि उक्त परिपत्र वापस लिया जाता है और छह स्कूलों को अन्य स्कूलों में मर्ज नहीं किया जाएगा।
याद रहे कि इन छह स्कूलों में से चार स्कूल उर्दू मीडियम हैं और उनके बंद हो जाने से दिल्ली के बचे खचे उर्दू मीडियम स्कूलों में चार की कमी हो जाएगी। परिपत्र को वापस लेने की खबर से क्षेत्र की जनता ने चैन की सांस ली थी लेकिन 12 सितंबर को शिक्षा मंत्री ने क्षेत्र का दौरा करते हुए उक्त स्कूलों के प्रमुखों से कहा है कि 7 जुलाई का परिपत्र अपनी जगह कायम है और वह इसके लिए तैयार रहें।
अल्पसंख्यक आयोग के अधयक्ष ने अपने पत्र में मनीष सिसोदिया को लिखा है कि यह अनावश्यक और जनता विरोधी कदम है, जिससे दिल्ली सरकार की बदनामी होगी। आयोग ने शिक्षा मंत्रालय से अपने निर्णय को संशोधित करने की मांग की है और 14 जुलाई के परिपत्र में कायम रहने को कहा है ताकि कोई बड़ा अन्याय न हो।