नई दिल्ली मानवाधिकार की अंतर्राष्ट्रीय संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली जिलों के सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को चार साल गुजर जाने के बावजूद मुआवजा नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त किया है।
संगठन ने राज्य सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को मुआवज़े की राशि तुरंत भुगतान किया जाए। साथ ही अस्थायी शिविरों में रहने वाले परिवारों के आवास, पानी, सफाई और स्वास्थ्य के देखभाल को सुनिश्चित किया जाए। एमनेस्टी ने कल यहां जारी एक रिपोर्ट में कहा कि कम से कम 200 परिवार जिन्होंने चार साल पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और अन्य जिलों में सांप्रदायिक हिंसा के बाद अपना घर-बार छोड़ दिया था। उनसे मुआवज़ा देने का वादा करने के बावजूद मदद देने से इनकार कर दिया। वे अस्थायी शिविरों में गंदे बेहद गंदे हालात में रह रहे हैं।
एमनेस्टी का कहना है कि 2013 के सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 60 लोग मारे गए और 50,000 से अधिक विस्थापित हुए थे। उत्तरप्रदेश सरकार ने इन परिवारों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का वादा किया था लेकिन अपने गांव से विस्थापित सैकड़ों परिवारों को अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई लोग अभी भी बुनियादी सुविधाएं जैसे पीने का पानी, सफाई और बिजली उपयोग के बिना ही अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।