नई दिल्ली: नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव की अनुपस्थिति चर्चा बनी हुई है। पिछले 24 घंटे में बिहार के राजनीतिक नाटकों के बीच शरद यादव की चुप्पी भी विचारणीय है। लेकिन इस पूरे राजनीतिक घटनाओं के बीच शरद यादव ने चुप्पी साध रखी है।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार के राजग में जाने से शरद यादव काफी नाराज हैं। यही वजह रही कि गुरुवार को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए शरद यादव पटना नहीं गए। इस दौरान वह दिल्ली में ही मौजूद रहे। उनके अलावा जदयू के सांसद अली अनवर और वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के कदम से नाराज हैं। इस सिलसिले में गुरुवार शाम पांच बजे पार्टी के नाराज नेता शरद यादव के घर उनसे मिलने के लिए पहुंचे।
उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा का साथ जदयू को भारी पड़ सकता है। पार्टी में मुस्लिम नेता इस फैसले से खुश नहीं हैं। पश्चिम बंगाल में जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष मोहम्मद राफे महमूद सिद्दीकी ने यह चेतावनी दी है कि अगर नीतीश के फैसले को पार्टी ने स्वीकार कर लिया, तो मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ देंगे और पार्टी को काफी नुकसान होने वाला है।
जदयू नेता ने कहा कि हम इंतजार कर रहे हैं कि हमारी पार्टी क्या फैसला करती है। पार्टी सिर्फ नीतीश जी के अकेले की नहीं है, यह एक इकाई है, कई सांसद और विधायक हैं। हम सब मिलकर तय करेंगे, अगर पार्टी नीतीश जी और भाजपा के साथ गई तो बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है। कई मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ देंगे। यह आपको देखने को मिलेगा।
राफे ने आगे कहा कि ‘पश्चिम बंगाल इकाई इंतजार कर रही है। बहुत बड़ी संख्या में मुसलमान और धर्मनिरपेक्ष लोग पार्टी छोड़ देंगे। नीतीश जी रणनीति के साथ नहीं रहेंगे और खुद शरद यादव कभी नहीं चाहेंगे भाजपा के साथ जाना, अली अनवर का बयान आ ही चुका है।