बाबरी मस्जिद की जगह, क़यामत तक के लिए मस्जिद के लिए ही है : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद को अदालत से बाहर समाधान करने के ताजा प्रयासों के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्पष्ट किया कि वह अपने इस रुख पर कायम है कि बाबरी मस्जिद की जगह क़यामत तक के लिए अर्श से फर्श तक मस्जिद के अधिकार में है, और विवाद लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसे मंजूर होगा।

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बोर्ड द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने इस रुख पर कायम है कि बाबरी मस्जिद की जगह अर्श से फर्श तक क़यामत तक के लिए मस्जिद के हुक्म में है और आज भी यह बोर्ड उसी बात पर कायम हैं। बोर्ड का यह भी सर्वसम्मत निर्णय है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को मंजूर होगा।

बयान के अनुसार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी साहब ने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से बात चीत की खबर को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस समय जो ख़बरें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा कर कही जा रहीं हैं, कहीं न कहीं यह कोई साजिश है। उनहोंने कहा कि हिन्दू धर्म के आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से फोन या आमने-सामने कोई बात चीत नहीं हुई है यह बिलकुल बेबुनियाद और मन गढ़ंत खबर है, इसका हकीकत से कोई सम्बन्ध नहीं है।

आपको बता दें कि जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कल अपने बयान में कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्य बाबरी मस्जिद के केस को साजिश के तहत कमजोर कर चुके हैं। उन्होंने बोर्ड से स्पष्ट करने के लिए कहा था कि बोर्ड के महासचिव और श्री श्री रविशंकर के बीच क्या बातें हुई है। उल्लेखनीय है कि रविशंकर ने अपने एक बयान में कहा था कि वे बाबरी मस्जिद विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने के लिए बोर्ड के लोगों से बात की है।