भारत में अवैध रूप से रह रहे करीब 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिमों को शरण देने या वापस जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में नया मोड़ आ गया है. चेन्नई के एक संगठन इंडिक कलेक्टिव ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने की गुहार लगाई है.
संगठन ने अपनी अर्जी में कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने की इजाजत देना देश में अशांति, हंगामा और दुर्दशा को आमंत्रित करना है, लिहाजा इन्हें भारत में रहने ना दिया जाए. इंडिक कलेक्टिव ने म्यांमार सरकार के आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए रोहिंग्या मुसलमान को ‘इस्लामिक आतंक’ का चेहरा बताया है.
उधर मानवाधिकार आयोग भी सरकार को नोटिस भेज चुका है कि बिना समुचित बुनियादी इंतजाम के रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार भेजना उचित नहीं है. आयोग ने इनके लिए म्यांमार सीमा पर अस्थायी शिविर, पेयजल, रोशनी और खाने का समुचित इंतजाम करने को कहा है.
अर्जी में रोहिंग्या मुसलमानों से संबंधित मामले में दखल देने अपील भी की गई है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट 11 सितंबर को मामले पर अगली सुनवाई करेगा.