प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरक्षा और बीफ़ के नाम पर की जा रही हिंसा पर ट्वीट करते हुए कहाकि हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटना चाहिए । इन्हीं ट्वीट को लेकर लेखिका साध्वी खोसला ने पीएम को नसीहत दी है ।
पीएम के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए साध्वी खोसला ने उनसे अपील की कि वो पहले “‘ट्विटर रक्षकों” को अनफॉलो करें। लेकिन हर बार की तरह पीएम मोदी और बीजेपी को चाहने वालों को साध्वी की सलाह नहीं पसंद आई और कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल किया ।
PM- Charity begins at home. Why don't you first unfollow your 'Twitter Vigilantes' ? https://t.co/NskqMoALFq
— Sadhavi Khosla🇮🇳 (@sadhavi) July 17, 2017
देश में पिछले कुछ वक्त से गाय और बीफ़ के नाम पर हिंसा और हत्याओं में इजाफ़ा हुआ है और गौरक्षकों के निशाने पर मुसलमान हैं । इस मुद्दे पर पीएम की चुप्पी को लेकर विपक्ष आरोप लगाता रहा है ।
पीएम मोदी ने कुछ मौकों पर कथित गौरक्षकों द्वारा हिंसा और हत्या की निंदा की है लेकिन विपक्ष इसे केवल अपना चेहरा बचाने की कवायद बताता रहा है। रविवार को किए ट्वीट में भी पीएम मोदी ने परोक्ष तौर पर गाय और बीफ के नाम पर हो रही हत्याओं की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दी।
हम सभी राजनीतिक दलों को गौरक्षा के नाम पर हो रही इस गुंडागर्दी की कड़ी भर्त्सना करनी चाहिए।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 16, 2017
राज्य सरकारों को ये भी देखना चाहिए कि कहीं कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी का बदला तो नहीं ले रहे हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 16, 2017
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “कानून व्यवस्था को बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और जहां भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, राज्य सरकारों को इनसे सख्ती से निपटना चाहिए।”
बीजेपी पहले भी कहती रही है कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है इसलिए ऐसी घटनाओं के लिए केंद्र सरकार को दोष देना ठीक नहीं। लेकिन इंडिया स्पेंड के डेटा के अनुसार केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद से देश में गाय से जुड़ी हिंसा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
97 प्रतिशत मामले नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद हुए हैं। साल 2010 से 2017 के बीच हुई गाय से जुड़ी 63 घटनाओं में 57 प्रतिशत पीड़ित मुस्लिम थे। इन घटनाओं में कुल 28 भारतीय मारे गए जिनमें से 24 मुसलमान थे।