शिया नेता वसीम रिजवी ने रवि शंकर से की मुलाक़ात, कहा- 2018 में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा

बाबरी मस्जिद विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने की कड़ी में मंगलवार को आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने मुलाकात की।

इस मसले पर दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। मुलाकात के बाद रिजवी ने मंदिर को विवादित भूमि में बनाए जाने के अपने पूर्व के बयान को दोहराया। उन्होंने दावा किया कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और 2018 में अयोध्या में मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

वसीम रिजवी ने कहा, ‘राम मंदिर फैजाबाद जिले के अयोध्या शहर में राम जन्मभूमि पर ही बनना चाहिए। शिया वक्फ बोर्ड भी इस मामले में पार्टी हैं क्योंकि बाबरी मस्जिद शिया मस्जिद थी इतने सालों तक चुप्पी साधे रखने के सवाल पर रिजवी ने कहा, ‘हम इतने दिन खामोश रहे, इसका मतलब नहीं है कि हमारा अधिकार नहीं है।

रिजवी ने कहा कि कुछ मुल्लाओं को छोड़कर आवाम विवादित स्थल पर मंदिर स्वीकार करने के लिए सहमत है। आवाम कत्लेआम नहीं चाहती है। उन मुल्लाओं की हमें फिक्र नहीं है, जो फसाद की बात करते हैं। पूरे देश का मुसलमान हिंसा नहीं चाहता है। इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।

श्री श्री की इस पहल का जहां बहुतों ने स्वागत किया है वहीं, कुछ इसका विरोध भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता को लेकर सवाल भी उठाए हैं। वेदांती का कहना है, ‘राम मंदिर के लिए लाखों ने बलिदान दिया है। ऐसे में श्री श्री रविशंकर बीच में कहां से आ जाएंगे। मध्यस्थता करने में उनको कोई अधिकार नहीं है।