नीतीश सरकार भी हिंदूवादी एजेंडे पर ,बिहार में गौहत्या पर लगी पूर्ण रोक, नए बूचड़खाने पर भी पाबंदी

बिहार में महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार पर बीजेपी का रंग चढ़ने लगा है । नीतीश कुमार सामाजित सद्भाव बनाए रखने और सुशासन के लिए मशहूर नीतीश सरकार ने अब हिंदूवादी एंजेडे की राह पकड़ ली है ।

राज्य उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सरकार गठन के बाद ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए नीतीश सरकार ने भी राज्य में गौहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया है । राज्य के नए पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने पदभार संभालते ही राज्य में ना केवल गौहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया बल्कि नए बूचड़खाने खोलने पर भी रोक लगा दी है।

एचटी मीडिया के मुताबिक पारस ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनका विभाग अब कोई नया पशु वधशाला स्थापित करने का लाइसेंस जारी नहीं करेगा।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बिहार में गौवध पर साल 1955 से ही रोक लगी है लेकिन सरकार के ढुलमुल रवैये की वजह से पिछले 15-20 सालों से गाय, भैंस और अन्य जानवरों का वध जारी है । इस रोक से पहले इस साल के शुरुआत में बीजेपी ने राज्य में गौकशी पर रोक लगाने की मांग नीतीश सरकार से की थी।

साल 2015 के विधान सभा चुनाव में भी गौमांस पर सियासत छिड़ी थी। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें कुछ खास हाथ नहीं लग सका था। अब जब बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन हो गया है तो बीजेपी अपने एजेंडे पर आगे बढ़ रही है ।