संयुक्त राष्ट्र : अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक साथ खड़े होने की अपील की है और म्यांमार की सरकार से आग्रह किया है कि वह अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय समेत अन्य के खिलाफ सेना और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए कथित दुर्व्यवहार की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ सहयोग करें।
उन्होंने अपने बयान में जोर दिया कि किसी की जातीय पृष्ठभूमि या धार्मिक विश्वासों के कारण उसके साथ भेदभाव या हिंसा नहीं होनी चाहिए और यह महत्वपूर्ण है कि सरकार मिशन को अपना काम करने की अनुमति दें।
बौद्ध-बहुल म्यांमार में रोंहिग्या मुसलमानों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2012 में उन्हें निशाना बनाकर हुई सांप्रदायिक हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और करीब 1,40,000 लोग बेघर हो गए थे।
इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने म्यामां सरकार का आह्वान किया है कि वह रखाइन प्रांत में मुसलमानों को या तो नागरिकता या फिर वैधानिक स्तर प्रदान करे। उन्होंने हिंसा पर चिंता जताई जिसकी वजह से लगभग 1,25,000 लोगों को म्यामां से भागकर बांग्लादेश जाना पड़ा है। महासचिव ने कहा कि वह रखाइन प्रांत में सुरक्षा, मानवीय और मानवाधिकार स्थिति को लेकर ‘‘काफी चिंतित’’ हैं।
वही संयुक्त राष्ट्र ने सैन्य हमले की कड़ी आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र ने 1.8 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आग्रह किया है, ताकि बांग्लादेश व दूसरे मानवाधिकार संगठनों को मानवीय आपात सहायता मुहैया कराई जाए।