NIA ने बैंक को दिया IRF और जाकिर नाइक के खातों से लेन-देन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश

नई दिल्ली: डॉ ज़ाकिर नाइक और उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को वित्तीय तौर पर कमज़ोर करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बैंकों से उनके अंक खाते फ्रीज़ करने की मांग की है। डॉ नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबन्ध लगाया गया है।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नाइक के संगठन के बैंक खाते जो अभी तक चल रहे थे उनको अगले आदेशों के ज़ारी होने तक फ्रीज़ करने की मांग की गयी है।

नाइक, आईआरऍफ़ और उनके संगठन के अज्ञात अधिकारीयों के खिलाफ एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (युएपीए) की धाराओं के अलावा आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के खिलाफ हरकतें करना) के तहत केस दर्ज किया है। केस दर्ज होने के बाद एनआईए ने नाइक के बीस ठिकानों पर छापा मार कर आईआरऍफ़ से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों और बैंक खातों के दस्तावेज ज़ब्त किये थे।

ज़ब्त किये गए दस्तावेजों में अबू अनस को अस्सी हज़ार रूपये की छात्रवृत्ति देने का पता चला है। अनस पर कथित तौर पर नौकरी छोड़ आईएसआईएस में भर्ती होने के आरोप के साथ-साथ गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवादी हमले की कथित योजना बनाने का आरोप है।

सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखा है कि वह आईआरऍफ़ की ओर से संचालित वेबसाइट पर पाबंदी लगाए और उसकी ऑनलाइन गतिविधियों पर रोक लगाए, जिसमें सोशल नेटवर्किंग साइटों पर भाषणों के वीडियो डालना शामिल है। गृह मंत्रालय वेबसाइट की यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर यानी युआरएल को ब्लॉक करने के लिए एनआईए के अनुरोध को सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय के पास भेज देगा।

एनआईए 19 नवंबर से ही छापेमारी कर रही है और उसने मुंबई में कम से कम 20 ऐसे परिसरों पर छापे मारे हैं जो आईआरऍफ़ या उसके ट्रस्टियों से संबंधित हैं। छापेमारी के दौरान नाइक के भाषणों के वीडियो टेप और डीवीडी, संपत्ति और निवेश से जुड़े दस्तावेज, वित्तीय लेन-देनों के दस्तावेज, आईआरऍफ़ को होने वाली विदेशी और घरेलू फंडिंग से जुड़ी जानकारी और इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज उपकरणों की बरामदगी हुई है।