NIA का सनसनीखेज खुलासा, फेसबुक द्वारा कश्मीर में पत्थरबाजी कराती है ISI

श्रीनगर: एनआईए ने आतंकवादियों को विदेशी फंडिंग की जांच के दौरान पत्थरबाजी के खेल का खुलासा किया है। एनआईए ने अपने डोज़ेयर में 48 पथरबाज़ों के फेसबुक प्रोफाइल शामिल किए हैं। ये वह लड़के हैं जो कश्मीर के पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम, कुलगाम, तरालत, अवंती पूरा, शोपियां और बारामूला में पत्थरबाज़ी की घटनाओं में शामिल थे।

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समाचार 18 भारत के पास कुछ ऐसे फेसबुक प्रोफाइल की जानकारी है , जिनसे अलगाववादियों और पत्थरबाज़ों के संबंधों का खुलासा होता है।इनमें किसी ने फेसबुक पर अपनी पहचान आई बोर्न टू डाई रखी है। किसी ने अपने नाम के आगे आज़ादी जोड़ रखा है। इन लोगों के फेसबुक अकाउंट में भारत विरोधी तस्वीरें और नारों की भरमार है। एक ने तो एक हजार रुपये के ऐसे नोट की तस्वीर लगाई है, जिसमें आरबीआई की जगह इस्लामी बैंक आफ कश्मीर लिखा है, और गांधी जी की जगह सैयद अली शाह गिलानी की तस्वीर छपी हुई है।

पाकिस्तान और कश्मीर में मौजूद सभी खूंखार आतंकवादियों का फोटो ऐसे प्रोफ़ाइल पर मौजूद हैं। एनआईए ने इन पथरबाज़ों के कई महीने की कॉल डिटेल की भी जाँच की है।एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि सभी 48 पत्थरबाज़ कुछ अलगाववादी नेताओं के लगातार संपर्क में थे, जो किसी भी घटना के बाद पत्थर बरसाने के लिए पहुँच जाते। एनआईए का दावा है कि छोटे अलगाववादी नेता पत्थरबाजों को पैसे दिया करते थे और छोटे अलगाववादी नेताओं को इसके लिए बड़े नेताओं से पैसे मिलते थे।

अलगाववादी जिन लड़कों को पत्थरबाज़ बनाकर उपयोग कर रहे हैं, उनमें अधिकांश स्कूल और कॉलेज के छात्र हैं। अलगाववादियों पर शिकंजा कसने के लिए एनआईए अब ऐसे पेशेवर पत्थरबाजों पर भी कार्रवाई करने के लिए योजना तैयार कर चुकी है।

सुरक्षा बलों के किसी भी बड़े ऑपरेशन के समय व्यावसायिक पत्थरबाज़ आतंकवादियों को बचाने के लिए पहुँच जाते हैं। इसी पत्थरबाज़ी की वजह से सुरक्षा बलों को एक साथ दो मोर्चों पर लड़ना पड़ता हें। सुरक्षा एजंसीाँं पत्थरबाज़ी के खेल जड़ से हटाने में व्यस्त हैं। विशेषज्ञों का भी मानना है कि इसके पीछे पाकिस्तान और आईएसआई का हाथ है।