नीरव मोदी ने CBI से कहा-अभी बहुत बिजी हूं, जांच में शामिल नहीं हो सकता

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में जांच कर रही सीबीआई ने घोटाले के प्रमुख आरोपी नीरव मोदी को मेल के जरिए संपर्क करते हुए जल्द से जल्द देश वापस आने को कहा जिससे जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके. सीबीआई के ईमेल का जवाब देते हुए नीरव मोदी ने लिखा है कि वह विदेश में अपने कारोबार के चलते बेहद व्यस्त हैं जिसके चलते देश वापस आकर जांच में शामिल होना उनके लिए मुमकिन नहीं है.

नीरव मोदी के इस जवाब पर सीबीआई ने फिर मोदी के ईमेल के जरिए निर्देश दिया है कि वह तत्काल हाई कमीशन अथवा भारतीय दूतावास के संपर्क में आएं जिससे उन्हें देश वापस लाया जा सके और वह जांच में शामिल हो सकें. सीबीआई ने अपने इस निर्देश में मोदी से साफ कहा है कि जांच में शामिल नहीं होने का विकल्प किसी के पास नहीं लिहाजा जल्द से जल्द देश वापस आकर जांच में शामिल हों.

गौरतलब है कि नीरव मोदी पीएनबी में 12 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में संदिग्ध हैं. इस महीने की शुरुआत में हुए खुलासे में कहा गया कि नीरव मोदी और उनके कुछ नजदीकी रिश्तेदार पीएनबी को नुकसान पहुंचाने के जिम्मेदार हैं. पीएनबी की तरफ से नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी को बैंक से धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.

गौरतलब है कि नीरव मोदी की फायरस्टार डायमंड के अलावा पीएनबी से हजारों करोड़ का घोटाले करने में उनके चाचा मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड को भी संदिग्ध रखा गया है.

 

पंजाब नेशनल बैंक-नीरव मोदी घोटाले की गुत्थी सीबीआई और ईडी अभी सुलझा ही रही थी कि इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ था. नए खुलासे में पता चला है कि घोटाले की रकम 11400 करोड़ नहीं बल्कि इससे भी ज्यादा है.

पंजाब नेशनल बैंक की तरफ से खुद इस बात की जानकारी दी गई है कि इस घोटाले की रकम में अन्य 1300 करोड़ रुपए के फ्रॉड ट्रांजैक्शन का पता लगा है. यानी पहले के 11400 और अब 1300 करोड़ के खुलासे के बाद अब स्कैम की कुल रकम 12700 करोड़ रुपए हो गई है.

इससे पहले मंगलवार को नीरव मोदी की फ्लैगशिप कंपनी Firestar Diamond Inc ने अमेरिका में दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी दी थी. फायर स्टार डायमंड ने अमेरिका के न्यूयॉर्क की एक अदालत में अर्जी देते हुए बताया है कि उसकी कुल संपत्ति (असेट और लाएबिलिटी) 320 करोड़ रुपये से 650 करोड़ रुपये के दायरे में है.

नीरव मोदी की कंपनी ने अमेरिका में बैंकरप्सी नियम के चैप्टर 11 के तहत दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी दी है. बैंकरप्सी नियम का यह चैप्टर आमतौर पर किसी कंपनी अथवा पार्टनरशिप के रिऑर्गेनाइजेशन के लिए दिवालियापन का प्रावधान करता है. चैप्टर 11 के तहत आमतौर पर वह कर्जदार अपील करता है जो अपने बिजनेस को जिंदा रखने की कोशिश में अपने कर्जदार का पैसा किश्त में चुकाने की मंशा जाहिर करता है.