चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 8.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि 3 साल में उच्चतम स्तर पर है। इस बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने पिछले 3 सालों में विकास दर में गिरावट के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को दोषी ठहराया है।
#UPDATE Growth was declining because of rising NPAs in banking sector. Because under previous governor Mr Rajan they brought in new mechanisms to identify stressed NPAs & these continued to go up which is why banking sector stopped giving credit to industry: Rajiv Kumar https://t.co/XxEsQXtiJw
— ANI (@ANI) September 3, 2018
राजीव कुमार ने कहा कि आरबीआई के गवर्नर के रूप में रघुराम राजन की नीतियों के चलते जीडीपी की वृद्धि दर आधे दर्जन से अधिक तिमाहियों में गिर रही थी।
#WATCH:Niti Aayog Vice-Chairman Rajiv Kumar on allegations that #demonetisation slowed down growth says 'This is a completely false narrative and I am afraid leading people like Mr.Chidambaram and our former PM added to this.' pic.twitter.com/EeGqHjIpad
— ANI (@ANI) September 3, 2018
राजीव कुमार ने कहा, ‘विकास दर में गिरावट की प्रवृत्ति थी और ये कमी क्यों आई? बढ़ता एनपीए, बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित संपत्तियों की वजह से वृद्धि में कमी आई थी। 2014 में जब नई सरकार आई, तो ये आंकड़े लगभग 4 लाख करोड़ रुपए थे। 2017 के मध्य तक यह 10.5 लाख करोड़ रुपए हो गया।’
उन्होंने कहा, ‘एनपीए बढ़ा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में कमी आई क्योंकि पिछले गवर्नर राजन ने गैर-निष्पादित संपत्तियों की पहचान के लिए नए तंत्र स्थापित किए थे और इन्हें लगातार बढ़ना जारी रखा गया, यही कारण है कि बैंकिंग सेक्टर ने इंडस्ट्री को ऋण देना बंद कर दिया।’
नीती आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि जिस इंडस्ट्री ने देश की अर्थव्यवस्था को प्रेरित किया उसे बैंकों से पैसा नहीं मिल रहा था, जिससे बाजार में सुस्तता बढ़ी और जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट आई।
उन्होंने कहा, ‘मध्यम और लघु उद्योग जैसे कुछ मामलों में, क्रेडिट वास्तव में घट गया। कुछ वर्षों में नकारात्मक वृद्धि हुई। बड़े उद्योगों में भी क्रेडिट की वृद्धि एक प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत तक गिर गई और कुछ तिमाहियों में नकारात्मक भी रही।’
राजीव कुमार ने उन आरोपों को भी नकार दिया कि नोटबंदी से विकास दर में गिरावट हुई है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है और चिदंबरम और हमारे पूर्व प्रधानमंत्री जैसे प्रमुख लोगों ने भी ऐसा कहा है।’