भाजपा के दो सहयोगी जदयू और अपना दल शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहे। जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम अपनी पसंद को वरीयता न देने के कारण नाराज बताए जा रहे हैं। जबकि अपना दल से तरक्की के सवाल पर मामला उलझ गया।
जदयू सूत्रों ने बताया कि बुधवार को नीतीश ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री के लिए राजीव सिंह ललन का नाम तय किया था। पार्टी को राज्य मंत्री के रूप में भी एक पद मिलना था।
बुधवार को ही नीतीश ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर राजीव का नाम दे दिया था। हालांकि बाद में इस बात पर चर्चा हुई कि पार्टी ललन की बिरादरी भूमिहार जाति के गिरिराज सिंह को मंत्री बना रही रही है।
ऐसे में नीतीश को उन्हीं की पार्टी के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह का नाम सुझाया गया। बताते हैं कि संगठन मंत्री नागेंद्र के जरिए इस आशय का संदेश नीतीश को दिया गया और बात बिगड़ गई। अंतत: जदयू ने समारोह से दूरी बना ली।
अमर उजाला पर छपी सूत्रों का कहना है कि अपना दल को ले कर भी इसी तरह की स्थिति बनी। मंत्री पद को ले कर पार्टी से प्रारंभिक चर्चा की गई थी। तब पार्टी ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री रही अनुप्रिया पटेल को तरक्की देने की मांग की।
इसके बाद अपना दल से कोई संपर्क नहीं किया गया और ना ही अपना दल ने अपनी ओर से भाजपा नेतृत्व के साथ संपर्क किया। गौरतलब है कि मोदी की नई टीम में लोकसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले आरपीआई, एक सीट वाले अन्नाद्रमुक और दो सीट वाले अकाली दल को प्रतिनिधित्व दिया गया है।