मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं का विश्लेषण करें। छह घंटे की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मैराथन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक बिंदु पर सभी से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया।
उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि जिन स्थानों पर पहले तनाव की घटनाएं हुआ करती थीं, वहां इसमें काफी कमी आई है। वहीं नई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। ऐसी जगहों का डीएम और एसपी को भ्रमण कर शांति समिति के लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए।
दशहरा और मुहर्रम का त्योहार करीब है। इसको देखते हुए अभी से क्षेत्रीय अधिकारियों सतर्क करें। मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह विभाग के प्रधान सचिव सभी जिलाधिकारियों के साथ इस संबंध में बात करें। ऐसी घटनाओं में त्वरित ट्रायल कराकर दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में तेजी से काम करें। इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए, चाहे वह कोई भी क्यों न हो।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुलिस पर हमला और बंद के दौरान हिंसा करने वालों पर सख्त और त्वरित कार्रवाई करें। बालू माफिया, भू माफिया और अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर किये गये हमले पर मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की और कहा कि यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा दूसरे थाने का मामला बता कर पीड़िता को लौटाएं नहीं। कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को दूसरे थाने का मामला बताकर उसे लौटाने की बजाए मामला दर्ज कर उसे संबंधित थाने में रेफर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विधि व्यवस्था और केसों के अनुसंधान को अलग-अलग करने के प्रावधान अविलंब सुनिश्चित करें।
बैठक में अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था में सुधार, आर्थिक अपराध, लूट, हत्या, दुष्कर्म, रेल व बैंक डकैती, वाहन चोरी, वायरल वीडियो, एससी-एसटी के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं समेत कई मुद्दों पर समीक्षा की गई। पुलिस मुख्यालय ने अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था के संधारण के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
समीक्षा बैठक में डीजीपी केएस दिवेदी, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा, मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार सहित राज्य पुलिस मुख्यालय के सभी वरीय अधिकारी तथा सभी प्रक्षेत्रों के आईजी मौजूद थे।