मध्यप्रदेश में एंबुलेंस न मिलने पर शव को बांस में बांधकर ले जाने का मामला समाना आया है। मानवता को शर्मसार करना वाला यह मामला सीधी जिले के नौढ़िया गांव का है जहां एंबुलेंस न मिलने पर मृतक के परिजनों को चार किलोमीटर तक शव को पैदल लेकर चलना पड़ा।
खबर के मुताबिक, नौढ़िया निवासी 32 वर्षीय गुड़िया कोल को तीन दिन पहले तेज बुखार के चलते स्थानीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे उनकी मौत हो गई। मृतक के परिजन शव को ले जाने के लिए करीब एक घंटे तर गाड़ी के लिए इधर-उधर भटकते रहे। लेकिन कोई इंतजाम नहीं होने के चलते उन्हें खुद शव को बांस में बल्ली बनाकर 4 किलोमीटर पैदल चल कर घर जाना पड़ा।
बाद इसके परिजनों ने शव को ले जाने के लिए वाहन की मांग की लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े करते हुए किसी भी प्रकार की मदद करने से इंकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि शव वाहन खराब होने के चलते बनने के लिए गया है।
वहीं, दूसरी तरफ नगर पालिका परिषद् से भी शव वाहन मांगा गया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
हालाँकि इसके उलट सीधी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.डीके द्विवेदी ने कहा, ‘मेरे पास कोई भी शव वाहन नहीं मांगने आया था। शव वाहन खराब है। बनने के लिए गया हुआ है।’
लेकिन जब जिला कलेक्टर अभय वर्मा से इस मामले को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। सिविल सर्जन से बात करता हूं।”
बता दें कि इससे पहले एक मई को उत्तर प्रदेश के इटावा से भी ऐसा ही मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया था। यहां एक पिता को अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के चलते अपने 13 साल के बेटे को कंधे पर लादकर घर ले जाना पड़ा था।
इससे पहले भी इस तरह का कई मामला देश भर से सामने आ चुका है जिसमें दाना मांझी का मामला अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बना था।