नई दिल्ली। पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज अपनी ऐसी किसी जानकारी से इनकार कर दिया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को ‘हिंदू टेरर वेब’ में फंसाने की कोई कोशिश की गई थी। उन्होंने सरकार से मांग की कि अगर उसके पास कोई संबंधित सबूत है तो उसे सामने लाया जाए।
संसद के सत्र से महज 48 घंटे पहले मीडिया में एक फ़ाइल सामने आई है जिसका संबंध श्री भागवत को हिन्दू टेरर वेब में फंसाने की यूपीए सरकार की कथित कोशिश है। श्री शिंदे ने इस बाबत कहा कि ऐसी कोई बात उनके सामने कभी नहीं आई और अब तो सरकार आरएसएस के कंट्रोल वाली पार्टी भाजपा की है, तो उन्हें तथ्य सामने लाने चाहिए। भागवत जी के बाबत उन्हें कोई सूचना नहीं है।
सरकार की तरफ से राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए पर कथित दबाव के संबंध में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री ने कहा कि एनआईए न तो मौजूदा सरकार के दबाव में है न पिछली सरकार के दबाव में थी। यह एक पेशेवर एजेंसी है जिसका काम अपने कर्तव्य को पूरा करना है।
आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा ने इस संबंध में कहा है कि यूपीए सरकार आरएसएस को बदनाम करने के लिए हमेशा प्रयासरत रही। वह मोहन भागवत जी की छवि और हिंदू संगठन की छवि बिगाड़ना चाहती थी। यह साजिश उच्च स्तर पर रची गई थी। इसलिए सोनिया गांधी का शामिल होना भी संभावित है।