लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चल रहे नगर निगम चुनाव में मतदाता सूची उर्दू में प्रकाशित करने की मांग को राज्य चुनाव आयोग ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह काम उसके दायरे से बाहर है।
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राज्य चुनाव आयोग एसके अग्रवाल ने यहां कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायत अधिनियम और उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम स्पष्ट रूप से बताता है कि देवनागरी स्क्रिप्ट में मतदाता सूची बनाई जा सकती है। कमीशन इसे किसी अन्य भाषा में कैसे प्रकाशित कर सकता है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि कुछ लोगों ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक प्रतिज्ञान दिया था। उन्होंने इस तरह के मांग को पहले भी हासिल किया है, उन्होंने इन मांगों को सरकार को भेजा था। इस से ज्यादा कमीशन कुछ नहीं कर सकता, कानून बनाना तो सरकार का काम है, अगर कानून बन जाए तो उर्दू में वोटर सूचि छापने में आयोग कोई एतराज नहीं होगा।
उन्होंने चुनाव में मतदाताओं की सूची से लोगों के नामों के गायब होने की बात को अफवाह बताया और कहा कि कुछ लोगों का नाम शायद छुट गया होगा।