पाकिस्तान के मोहरी पुर गांव की महिलाओं को वोट डालने की इजाजत नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस गांव के पुरुष नहीं चाहते कि कोई भी महिला चुनाव में किसी तरह की भागीदारी दिखाए।
अंततः स्थानीय महिलाओं ने बुधवार को हुए चुनाव में अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग नहीं किया था, जिससे उनके पतियों द्वारा धमकी दी गई थी। इस गांव के पुरुषों ने सन 1947 से ही महिलाओं के पर वोट डालने को लेकर रोक लगा रखी है।
यहां की महिलाएं पुरूषों के इस आदेश का पालन हंसी खुशी करती भी हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर कोई महिला वोट डालने जाती भी है तो उसे प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
चुनाव अधिकारियों और गांव के एकमात्र मतदान केंद्र में एक एएफपी पत्रकार के मुताबिक मोहर पूर में चुनावी रजिस्टर पर कुछ 3,200 महिलाएं सूचीबद्ध थीं, लेकिन एक ने भी आकर मतदान नहीं किया।
25 वर्षीय तान्या बीबी ने एएफपी को बताया, ‘हमारे पतियों से हमें खतरा हैं कि अगर हम अपना वोट डालेंगे तो वे हमें तलाक दे देंगे। गांव में लगभग 8,000 पुरुष पंजीकृत हैं।
मोहम्मद शमशेर ने एएफपी को बताया, ‘हम यहां हमारे मतपत्र डालने के लिए हैं, लेकिन हमारी महिलाओं ने अपना वोट नहीं डाला क्योंकि यह हमारी पुरानी परंपरा है जिसे हम संरक्षित कर रहे हैं’।
यहां तक कि महिला वकील के लिए प्रचार करने वाले एक वकील कसीर अब्बास ने अंत में कहा कि वह अपनी पत्नी को मतदान केंद्र में नहीं लाए क्योंकि उनको डर था कि ग्रामीण मेरे परिवार का बहिष्कार कर सकते हैं।