नई दिल्ली। अगले महीने सेवानिवृत हो रहे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर ने कहा कि वह कुछ मुद्दों और मूल्यों के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि जहां उन्होंने देखा कि गलत हो रहा है वहां वह खड़े हुए और उसमें व्यवस्था में किसी के प्रति उनका कोई निजी विरोध नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी विक्रांत यादव ने पूर्व में था कि एससीबीए का यह विचार था कि जस्टिस चेलमेश्वर के लिए फेयरवेल का आयोजन कोर्ट के आखिरी वर्किंग डे के दिन किया जाए।
22 जून को जब वे रिटायर करेंगे कोर्ट बंद रहेगा और जज और वकील दिल्ली में नहीं होंगे। इसलिए, ऐसा प्लान किया गया था कि यह कार्यक्रम 18 मई को ही रखा जाए। हालांकि, जस्टिस चेलमेश्वर ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया था।