कश्मीर में ISIS का कोई वजूद नहीं है- गृह मंत्रालय

केंद्र सरकार ने कहा कि घाटी में  ISIS  का कोई वजूद नहीं है। गृह मंत्रालय के  प्रवक्ता ने कहा, ‘‘घाटी में आईएस का कोई भौतिक बुनियादी ढांचा या सदस्य नहीं है। घाटी में इसका वजूद नहीं है।’’ केंद्र सरकार ने यह टिप्पणी तब की है जब आईएस ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में फारूक अहमद यातू नाम के एक पुलिसकर्मी की हत्या की जिम्मेदारी ली।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा पुलिसकर्मी पर हमले के पीछे हो सकता है और एशा फजली नाम का एक स्थानीय आतंकवादी इस मामले में मुख्य संदिग्ध के तौर पर उभरा है। फजली पहले हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था और बाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा के प्रति अपनी वफादारी जताई थी।

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस पी वैद्य ने श्रीनगर में कहा है कि अब यह साफ है कि आईएसआईएस ने हमले को अंजाम दिया था और यह वास्तव में चिंताजनक संकेत है। नवंबर 2017 में ऐसी खबरें थी कि वैश्विक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस श्रीनगर में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में शामिल रहा है, जिसमें मुगीस नाम का एक आतंकवादी मारा गया था और इमरान टाक नाम का एक सब-इंस्पेक्टर शहीद हुआ था। आईएसआईएस की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ‘अमक’ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पृष्ठभूमि में आईएसआईएस के झंडे के साथ मुगीस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई थीं। दफनाए जाने के समय उसका शव आतंकवादी संगठन के झंडे में लिपटा हुआ था।