केंद्र सरकार ने शुक्रवार को रेस्टौरेंट में खाने पर लगने वाले सर्विस चार्ज के लिए गाइड्लायन को मंज़ूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने सरकार की तरफ़ से इस मुद्दे पर रूख साफ़ किया और कहा की गाइड्लायन की तहत सर्विस चार्ज देना पूरी तरह से अपनी इच्छा पर निर्भर होगा और इसको देना ज़रूरी भी नहीं है।
मंत्री जी राम विलास पासवान ने यह भी कहा कि होटेल या रेस्टौरेंट यह तय ना करे की ग्राहक को कितना सर्विस चार्ज देना है। इसको देने की बात पूर्ण रूप से कस्टमर पर छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सभी दिशा-निर्देश राज्यों को भेज दिए गए हैं। जिनपर सभी राज्य जरूरी एक्शन लेंगी। पासवान ने कहा कि मौजूदा कस्टमर प्रोटेक्शन बिल के तहत कानून को तोड़ने पर एक्शन लेने की शक्ति नहीं देते थे। इसके लिए नए निर्देश जारी करने पड़े। जिसमें सजा का भी प्रावधान होगा। पासवान के मुताबिक, इससे मंत्रालय मजबूत होगा।
उन्होंने साफ़ तौर से कहा कि सर्विस चार्ज जैसा कुछ नहीं है। यह गलत तरीके से वसूला जा रहा था। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसको पीएमओ के पास भी अनुमति के लिए भेज दिया गया है। पासवान ने कुछ दिन पहले भी इन दिशा-निर्देशों का जिक्र किया था।मंत्रालय को रेस्टोरेंट और होटल के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। उनमें कहा गया था कि कस्टमर से टिप आदि के नाम पर 5-20 प्रतिशत सर्विस चार्ज लिया जा रहा था।