2019 के लिए कांग्रेस का मेनिफेस्टो : 35 साल से कम उम्र वालों को आयकर नहीं देना होगा

 

नई दिल्ली। कांग्रेस इस बात पर विचार कर रही है कि 2019 के आम चुनावों में मध्यम वर्ग के लोगों को लुभाने के अपने प्रयासों के चलते वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में एक प्रमुख कर कटौती की घोषणा करे या न करे। द प्रिंट की खबर के अनुसार, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व 35 साल से कम उम्र के लोगों को आयकर मुक्त करने वाले वादे के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।

यद्यपि यह निर्णय नहीं लिया गया है कि पार्टी इस प्रस्ताव को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी या नहीं, सूत्रों के हवाले से दिप्रिंट को पता चला है कि 13 जुलाई को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की बैठक के दौरान इस विचार पर चर्चा की गई थी।

एक सूत्र ने बताया कि कुछ निर्णायक नहीं है लेकिन हाँ 35 साल से कम उम्र के लोगों को कर मुक्त करने के विचार पर बैठक में संक्षेप में चर्चा की गई थी।
प्रियंका गांधी द्वारा इस बैठक का संचालन किया गया था जो पर्दे के पीछे से पार्टी की रणनीति का प्रबंधन कर रही हैं।

कांग्रेस का यह मानना है कि यह कदम युवा मतदाताओं को लुभाएगा। पार्टी का मानना है कि युवाओं की यह जनसंख्या 2019 में चुनावी रूप से काफी महत्वपूर्ण होगी। उनका अनुमान है कि इस बार संसदीय चुनावों में 1.5 करोड़ नए मतदाता पहली बार अपना वोट डालेंगे।

इस कदम के लिए कांग्रेस के पास तर्क यह है कि यह उद्यमशीलता को बढ़ावा देगा और युवा आबादी को नए व्यवसायों की ओर लायेगा जिसके परिणामस्वरूप नए रोजगारों (नौकरियों) का निर्माण होगा।

यह प्रस्ताव युवा मतदाताओं के वोट प्राप्त करने के पार्टी के प्रयासों के अनुरूप है। 2014 लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस के घोषणा पत्र में पार्टी के सत्ता में आते ही 100 दिनों के भीतर युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था।

2014 के कांग्रेस घोषणा पत्र में लिखा था , “आज दो तिहाई भारतीय, लगभग 80 करोड़ भारतीय, 35 वर्ष से कम आयु के हैं। कामकाजी उम्र में प्रवेश करते ही अच्छा वेतन पाना, प्रतिष्ठित नौकरियाँ या व्यवसायिक अवसर प्राप्त करना उनकी प्रथम श्रेणी की प्राथमिकता है।

हालांकि पिछले दशक में इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं, यह एक अतिव्यापी राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी हुई है, जिसके लिए अब भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर ही एक जॉब एजेंडा की घोषणा करेगी।”

80 करोड़ भारतीय, जिनके बारे में 2014 में कांग्रेस ने बात की थी, अब भी पार्टी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बने हुए हैं और 2019 का घोषणापत्र उनको आकर्षक प्रलोभन दे सकता है। इस संबंध में, आयकर में छूट का विचार एक गेम चेंजर (महत्वपूर्ण बदलाव) साबित हो सकता है अगर कांग्रेस पार्टी घोषणापत्र में इसे अपनाने का फैसला करती है।

विभिन्न प्रस्तावों पर विचार-विमर्श हो रहे हैं क्योंकि कांग्रेस 2019 के चुनावों से काफ़ी पहले अपना घोषणापत्र तैयार करने की सोच रही है। पार्टी अपने मतदान दस्तावेज तैयार करने के लिए क्राउड-सोर्सिंग का उपयोग एक प्रमुख हथियार के रूप में करेगी। गुजरात और कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस जब अपने घोषणापत्र तैयार कर रही थी तो उसने विभिन्न जन समूहों के साथ बैठकें की थीं।

आने वाले कुछ महीनों में देश भर में इसी तरह के प्रयास किए जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि यह जिम्मेदारी इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा को सौंपी जाएगी, जिन्होंने गुजरात और कर्नाटक चुनाव घोषणापत्रों पर भी काम किया था।