मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह द्वारा फिल्म ‘पद्मावती’ को रिलीज नहीं होने देने की घोषणा करने पर ग्वालियर के सामाजिक कार्यकर्ता हरिमोहन भसनेरिया ने मुख्यमंत्री को नोटिस भेजकर इसका जवाब मांगा है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उचित जवाब नहीं मिला तो वह क़ानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
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नोटिस में मुख्यमंत्री से सवाल किया गया है, ‘आपने इस फिल्म को कब और कैसे देखा, किस कारण से आपने यह घोषणा की है, या अटकलों के आधार पर आप इस निर्णय पर पहुंचे हैं। अगर अटकलों के आधार पर यह फैसला लिया गया है तो यह पद की गरिमा के खिलाफ है और कानूनन अपराध भी है।
सामाजिक कार्यकर्ता भसनेरिया ने शनिवार को बताया कि उन्होंने अधिवक्ता पुरुषोत्तम राय के जरिए मुख्यमंत्री चौहान को नोटिस भेजा है, जिसमें उनहोंने पूछा है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म अभी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में ही है, बोर्ड ने न तो अबतक उसे देखा है और न ही उसपर अपनी कोई राय दी है।
फिल्म को रिलीज करने या रोकने का अधिकार सिर्फ सेंसर बोर्ड को है, लेकिन इससे पहले ही आपने (चौहान) राज्य में फिल्म के प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने की घोषणा कैसे कर दी।
नोटिस में कहा गया है, “फिल्म ‘पद्मावती’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने का फैसला भारतीय संविधान के खिलाफ है। यह सीधे अभिव्यक्ति की आजादी का हनन करने का प्रयास है।
उनहोंने यह चेतावनी भी दिया है कि अगर इस नोटिस का उचित जवाब नहीं दिया गया तो वह उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई भी करेंगे, और उसके हर्जाने और खर्च का निर्वहन भी उसे ही करना होगा।