पिछले महीने असम में एक ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किए गए और हिरासत में लिए गए पूर्व सेना अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले में नोटिस भी जारी किया है। राष्ट्रपति पद का पदक जीतने वाले सनाउल्लाह को कामरुप के विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी करार दिया गया था।
इससे पहले कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने गृह मंत्री अमित शाह से करगिल युद्ध लड़ चुके सैनिक मोहम्मद सनाउल्ला के लिए न्याय सुनिश्चित करने का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया था। गोगोई ने इस सिलसिले में शाह को एक पत्र लिखा है, जिसे बृहस्पतिवार को मीडिया के लिए उपलब्ध किया गया।
गौरतलब है कि 23 मई को विदेशी घोषित किए जाने और सेवा से बर्खास्त किए जाने से पहले कामरूप जिला निवासी सनाउल्ला असम बार्डर पुलिस में उपनिरीक्षक के तौर पर सेवा दे रहे थे। करीब साल भर पहले असम ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का पूर्ण मसौदा जारी किया था। इसमें सनाउल्ला सहित 40.07 लाख आवेदकों के नाम शामिल नहीं हैं।
राज्य के कलियाबोर से दूसरी बार लोकसभा सदस्य चुने गए गोगोई ने कहा कि सशस्त्र बलों में सनाउल्ला की लंबी सेवा उनकी देशभक्ति और नागरिकता का सबूत है और हम उनके लिए राहत चाहते हैं। उन्होंने शाह से सनाउल्ला के दस्तावेजों को सत्यापित करने वाले पुलिस अधिकारियों की कथित अक्षमता की जांच कराने का अनुरोध किया है।
सनाउल्ला को 2014 में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था। वह फिलहाल राज्य के गोलपाड़ा जिले में एक हिरासत गृह में रखे गए हैं।