NRC विवाद: गुलाम नबी आजाद ने कहा- ‘किसी भी नागरिक को जाति-धर्म के आधार पर बाहर नहीं किया जाना चाहिए’

असम में सोमवार को जारी किए एनआरसी पर जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। संसद से लेकर सड़क तक विपक्षी दल और सरकार के बीच तकरार जारी है। राज्यसभा में भी मंगलवार को एनआरसी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान जबरदस्त हंगामा हुआ। हंगामा के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 1.10 बजे तक स्थगित हो गई है।

राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने एनआरसी के मुद्दे पर चर्चा की शुरुवात करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे देश में किसी भी नागरिक को जाति-धर्म के आधार पर बाहर नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है। आजाद ने कहा कि जो 40 लाख की संख्या है ये सिर्फ एडल्ट्स की, अगर इनके परिवार को जोड़ेंगे तो यह संख्या 2 करोड़ तक चली जाएगी। उन्होंने कहा कि एनआरसी साबित करने की जिम्मेदारी सिर्फ व्यक्ति पर, नहीं बल्कि सरकार पर भी होनी चाहिए।

क्योंकि सभी के लिए यह साबित करना आसाना नहीं है और सभी व्यक्ति को कानूनी सहायता मिलनी ही चाहिए। साथ ही आजाद ने कहा कि किसी के साथ जबदस्ती नहीं होनी चाहिए और 16 सबूतों में से कोई एक भी सबूत मिलने पर उसे स्वीकार किया जाना चाहिए।