एनआरसी: असम मानव संकट से दो चार हो सकता है: सर्वे रिपोर्ट में दावा

कोलकाता: इस आशंका के साथ एनआरसी की वजह से असम एक बड़े मानव संकट से दोचार हो सकता है। सीनियर पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता अमित सेन गुप्ता ने कहा कि असम में नागिरिकता की पहचान के अमल के दौरान धार्मिक व भाषीय आधार पर मतभेद और भेदभाव से काम लिया जा रहा है। बंगाली बोलने वालों को ज्यादा मुश्किलों का सामना है।

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भेदभाव और निष्पक्षता की जवह से लाखों लोग भारतीय नागरिकता से वंचित हो सकते हैं और उसकी वजह से असम एक संकट से दोचार हो सकता है। गौरतलब है कि एनआरसी की पहली रिपोर्ट पिछले साल दिसंबर में जारी हो चुकी है, जब कि पिछले महीने 30 जून को दूसरी रिपोर्ट जारी होनी थी।

मगर अब इस में एक महीने की विस्तार कर दी गई है और अब यह तीस जुलाई को जारी किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि असम के लिए कानून बनाया गया था कि 24 मार्च 1971 की बीच रात से पहले तक असम में रह रहे सभी लोगों को भारतीय नागरिक स्वीकार कर लिया जाएगा।