उत्तरप्रदेश के पीसीएस अधिकारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया है। वजह है सीएम योगी का वो आदेश जिसमें वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए अधिकारियों से नीली बत्ती हटाने को कहा गया है। प्रदेश के पीसीएस अधिकारियों ने प्रदेश के सरकार के इस आदेश के खिलाफ पत्र लिखकर अपना कड़ा विरोध जताया है।
वाराणसी के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश सिविल सेवा एसोसियेशन को लिखे पत्र में इस आदेश की व्यवहारिकता पर सवाल उठाए हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इमरजेंसी के अलावा सभी अधिकारियों को सरकारी गाड़ी पर नीली बत्ती लगाने से मना कर दिया है ।
अधिकारियों ने कहना है कि उत्तर प्रदेश के राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी का दायित्व निभाते हैं। यह सड़क और राजमार्ग मंत्रालय के ड्राफ्ट नियम द्वारा आपात कालीन सेवाओं में रखा गया है। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों पर संपूर्ण क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, जिसके कारण राजस्व अधिकारियों को 24 घंटे क्षेत्र में धरना, आपदा, प्रदर्शन, आंदोलन, दंगे एवं शांति भंग की स्थितियों में दिन रात भ्रमण कर पुलिस अधिकारियों के साथ काम करना पड़ता है।
ऐसे में आपातकाल स्थिति में अगर वो पहुंचे तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है। अगर प्रोटोकॉल एवं अतिक्रमण हटाने, विभिन्न प्रकार औचक निरीक्षण एवं अवैध कब्जों को हटाने के समय पुलिस और अन्य विभाग मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में काम करते हैं। ऐसे में बिना नीली बत्ती के भीड़ पर काबू पाना एवं विभिन्न निरीक्षणों का नेतृत्व करना अत्यंत कठिन हो जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए , प्रशानिक कार्रवाई को सही तरीके से चलाने के लिए नीली बत्ती अत्यंत आवश्यक है।