असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने एक बार फिर ओडिशा के दाना मांझी की याद दिला दी है।
असम के अखबारों में एक तस्वीर छपी है जिसमें एक शख्स अपने 18 साल के भाई का शव साइकिल पर बांधकर ले जा रहा है।
Majuli (Assam): Man carries body of his 18 year old brother on a bicycle due to absence of a motorable road in the area. pic.twitter.com/y04Y9AtVGD
— ANI (@ANI) April 19, 2017
ख़बर के मुताबिक़, यह घटना मजुली विधानसभा इलाके की है जहां से राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल विधायक हैं। कहा जा रहा है कि असम के स्थानीय चैनलों ने मंगलवार को इस तस्वीर पर ख़बर चलाई थी जिसके बाद सरकार हरकत में आई। चैनल पर तस्वीर आने के बाद मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल मृतक डिंपल दास लखीमपुर जिले के बालिजान गांव का रहने वाला था और उसका इलाज गांव से 8 किलोमीटर दूर एक चल रहा था।
अधिकारियों का कहना है कि युवक को सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे सांस लेने में तकलीफ थी। गारामुर सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट माणिक का कहना है कि मरने वाले युवक को बेहद गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था। इसलिए काफी कोशिश के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका।
उन्होंने बताया कि हालाँकि डॉक्टर ने शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया कराने का आदेश दिया था, लेकिन परिजन खुद ही शव को लेकर अस्पताल से चले गए।
वहीं मजुली के डिप्टी कमिश्नर पीजी झा ने कहा, “हमें पता चला है कि वह व्यक्ति लखीमपुर जिले का है। उसके परिजनों ने उसे पास के गारामुर सिविल अस्पताल में लाए थे। ऐसा लगता है कि उसके गांव बालीजान में एम्बुलेंस जाने लायक सड़क नहीं है। उन्हें गारामुर मेन रोड तक पहुंचने के लिए बांस के अस्थायी पुल से गुजरना होता है।”
गौरतलब है कि ओडिशा के ही कालाहांडी में बीते साल दाना मांझी का मामला सामने आया था। दाना मांझी के पास पैसा नहीं था। इसलिए उन्हें करीब 12 किलोमीटर तक अपनी का शव कंधे पर लेकर चलना पड़ा था।
इस घटना की विदेशों भी चर्चा हुई थी। बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल-खलीफा ने पिछले साल अगस्त में दानामांझी की कहानी पढ़ी थी और मांझी की आर्थिक मदद देने का फैसला किया था।