बिहार का बहुचर्चित सृजन घोटाला अब मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले की तर्ज़ पर नज़र आ रहा है। इस घोटाले में भी जांच के दौरान मौतों का सिलसिला शुरु हो गया है। महेश शर्मा के बाद अब इस घोटाले के एक और मुख्य आरोपी की मौत हो गई है।
ख़बरों के मुताबिक, घोटाले के मुख्य आरोपी नवीन की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। घोटाला उजागर होने के बाद नवीन के साथ काम करने वाले दीपक और प्रशांत अंडरग्राउंड हो गए हैं। पुलिस इन दोनों की तलाश में जुट गई है।
सृजन से जुड़े लोगों का कहना है कि मनोरमा देवी और विपिन शर्मा की हर गतिविधियों की जानकारी नवीन को रहती थी। वह शुरुआत से मनोरमा देवी के साथ था। उसे पैसों के लेन-देन की पूरी जानकारी रहती थी और उसे सृजन से जुड़े खास लोगों के बरे में भी पता था।
नवीन का करीबी था दीपक और दीपक का करीबी था प्रशांत। इन तीनों के पास घोटाले की सारी जानकारी रहती थी। दीपक और प्रशांत के पास 24 घंटे लैपटॉप रहता था। इस लैपटॉप में सृजन के शुरुआत से लेकर घोटाला उजागर होने तक की सारी जानकारी है।
लोगों की मानें तो फरवरी में मनोरमा देवी की मौत के बाद नवीन को यह एहसास हो गया था कि सृजन का कारोबार अब ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है। सृजन का कारोबार देखने वाला नवीन तब बीमार पड़ गया, जब उसे पता चला कि बैंक को पैसे देने के नाम पर विपिन शर्मा कन्नी काट रहा है।
उसे घोटाले के उजागर होने का एहसास हो गया था। अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद परिवार वालों और सृजन के सहयोगियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई।
ग़ौरतलब है कि इससे पहले आरोपी महेश मंडल की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। वे किडनी और कैंसर की बीमारी का इलाज करा रहे थे। महेश की गिरफ्तारी एक सप्ताह पहले भागलपुर से हुई थी, हालांकि गिरफ्तारी के बाद भी उनका इलाज एक अस्पताल में चल रहा था। परिवारवालों का आरोप है कि महेश की मौत जेल और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है।
महेश जिला कल्याण विभाग में थे और इस घोटाले के सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद महेश के गांव में डेढ़ एकड़ का विशाल और आलीशान घर मिला था, जिसके बारे में बताया गया कि घर के बाथरूम तक में एयरकंडीशनर लगा है।
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद महेश के बेटे शिव मंडल जो कि जनता दल यूनाइटेड का नेता था, उसे भी पार्टी से बाहर कर दिया गया।