बिहार के 3500 सरकारी प्लस टू स्कूलों में केवल 7 फ़िज़िक्स टीचर

पटना : इस साल बिहार बोर्ड 12 वीं के रिजल्ट ने सबको हैरान कर दिया, आखिर इतने भारी संख्या में छात्र क्यूँ फेल हुए, तो सवाल यह है कि जब विषय के शिक्षक ही न हों तो अधिकतर परीक्षार्थियों का फेल होना स्वाभाविक है. साइंस में फिजिक्स ऐसा विषय है, जिसकी पढ़ाई इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों में कैरियर बनानेवालों के लिए जरूरी होती है. लेकिन, प्रदेश के 3500 सरकारी प्लस टू स्कूलों में फिजिक्स के सिर्फ सात शिक्षक हैं,और ये सभी सिर्फ पटना जिले में हैं

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आपको बता दूँ कि बाकी 37 जिलों के प्लस टू स्कूल इस विषय के शिक्षक के बिना ही चल रहे हैं. इस बार इंटर साइंस में 6 लाख 46 हजार 231 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से सिर्फ एक लाख 94 हजार 592 (33.11%) परीक्षार्थी ही पास कर पाये.

प्रभात खबर के मुताबिक फिजिक्स के अलावा मैथ, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में भी शिक्षकों की कमी है. हालांकि, इन विषयों में फिजिक्स जैसी खराब हालत नहीं है. बायोलॉजी में बॉटनी और जूलॉजी में अलग-अलग शिक्षक नहीं हैं. एक ही शिक्षक बॉटनी और जूलॉजी दोनों पढ़ाते हैं.

2012 के बाद कई बार शिक्षक नियोजन के लिए आवेदन लिये गये हैं. लेकिन, फिजिक्स विषय के लिए आवेदन ही नहीं आया. पटना जिले की बात करें, तो नगर निगम और जिला पर्षद को फिजिक्स विषय के 113 पदों के लिए नियोजन का आवेदन मांगा गया था. लेकिन, एक आवेदन ही आया. यही, हाल दूसरे नियोजन इकाई का भी है.

प्रदेश में पहला एसटीइटी 2011 में हुआ था. इसके बाद दोबारा एसटीइटी नहीं लिया गया है. इससे शिक्षकों की कमी और भी बढ़ गयी है. बिहार बोर्ड ने टीइटी के लिए 29 जून की तिथि तय की है. पर एसटीइटी के लिए अब तक आवेदन की तिथि भी नहीं निकाली गयी है.