‘पति के आने से बहक जातीं हैं लड़कियां, इसलिए सिर्फ कुंवारी लड़कियों को ही मिलेगा एडमिशन’

तेलंगान सरकार ने लड़कियों को लेकर एक अजीबोगरीब फरमान हारी किया है, जिसके तहत सामाजिक कल्याण आवासीय महिला कॉलेजों में सिर्फ कुंवारी लड़कियों को ही एडमिशन मिल सकता है। इसके पीछे तर्क यह है कि शादीशुदा महिलाओं की वजह से कुंवारी लड़कियों का ध्यान भटकता है।

एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार तेलंगाना सरकार ने कहा है कि महिलाओं के समाज कल्याण आवासीय डिग्री कॉलेजों में पढ़ने के लिए केवल कुंवारी महिलाएं ही योग्य हैं।

सरकार के इस फैसले पर तेलंगाना सामाजिक कल्याण आवासीय शिक्षण संस्थान सोसायटी के एक अधिकारी बी वेंकट राजू का कहना है कि इस नियम के पीछे का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि अन्य लड़कियों का ध्यान पढ़ाई से न भटके क्योंकि शादीशुदा युवतियों के पतियों की सप्ताह में एक बार या 15 दिन में एक बार उनसे मिलने कॉलेज आने की पूरी संभावना है। स्टूडेंट्स में किसी भी तरह का भटकाव वे नहीं चाहते हैं।

फिलहाल 4 हजार से ज्यादा शादीशुदा महिलाएं इन कॉलेजों में पढ़ रहीं हैं और अपनी डिग्री के दूसरे साल में प्रवेश करने वाली हैं।

आपको बता दें कि यह नियम पिछले एक साल से कॉलेजों में लागू है। राज्य में ऐसे कुल 23 आवासीय कॉलेज हैं, हर कॉलेज में हर साल 280 स्टूडेंट्स का नामांकन होता है।

इन कॉलेजों में सभी स्टूडेंट्स को शिक्षा से लेकर भोजन तक मुफ्त में दी जाती है। इन कॉलेजों में 75 फीसदी सीट एससी के लिए और बाकी 25 फीसदी एसटी और सामान्य के लिए है।

लेकिन हाल ही में एडमिशन के लिए जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इन कॉलेजों में बीए, बीकॉम और बीएससी फर्स्ट ईयर में प्रवेश के लिए गैर शादीशुदा लड़कियों के आवेदन आमंत्रित हैं।