नज़रिया: सपा-बसपा गठबंधन से भाजपा का सफाया हुआ

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीट फूलपुर, गोरखपुर और बिहार की एक लोकसभा सीट अररिया पर हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की नेतृत्व पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। और 2019 में महागठबंधन के लिए रास्ता साफ़ हो गया है।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

उप चुनाव में समाजवादी पार्टी को बहुजन समाज पार्टी का साथ कामयाबी की ओर ले जाने वाला साबित हुआ है। सपा और बसपा के गठबंधन ने 1993 के गठबंधन को ताज़ा करते हुए 2019 के लिए महागठबंधन का रास्ता खोल दिया है।

गौरतलब है कि गोरखपुर लोकसभा सीट पर भाजपा 1980 से लगातार जीत दर्ज करती आई है और 2014 में यहाँ से फिर योगी आदित्यनाथ कामियाब हुए थे। इसी तरह फूलपुर से केशव प्रसाद मोर्य 2014 में कामियाब हुए थे और यह पहला मौक़ा था जब यहाँ से भाजपा कामयाब हुई थी लेकिन अब यह दोनों सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई हैं। गोरखपुर में सपा के उम्मीदवार प्रवीन निषाद ने भाजपा के उम्मीदवार ओपेन्द्र शुक्ल को 12 हजार 188 वोटों से हरा दिया है जबकि फुलपूर में समाजवादी पार्टी के उम्मेदवार नागेन्द्र पटेल ने 59 हजार 613 वोटों से भाजपा के उम्मीदवार को हरा दिया है। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई है।

इस्ति तरह बिहार की अररिया सीट पर आरजेडी से उम्मीदवार सरफराज आलम ने 61 हजार 788 वोटों से भाजपा के उमीदवार को हरा दिया है। गौरतलब है कि 2014 में केशव प्रसाद मोर्य को 5 लाख 3 हजार 564 वोट हासिल हुए थे जबकि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्म राज सिंह पटेल को एक लाख 95 हज़ार वोट बसपा के उम्मीदवार कपिल मनी करोरिया को एक लाख ६३ हजार ७१० और कांग्रेस के उम्मीदवार को मोहम्मद कैफ को 58 हजार 127 वोट मिले।