PM मोदी के स्‍वतंत्रता दिवस संबोधन पर विपक्ष ने जताया ऐतराज़, कहा- नाकामी पर नहीं बोले

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वाधीनता दिवस के संबोधन की जहां उनकी पार्टी ने प्रशंसा की वहीं विपक्षियों ने उनके इस संबोधन को बेहद निराशाजनक बताया। कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी ने अपनी सरकार की विफलताओं और अधूरे वादों का संबोधन के दौरान उल्लेख नहीं किया।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि तीन साल के बाद उनके (पीएम मोदी) लिए यह समय था कि वह अपनी सरकार द्वारा युवाओं, किसानों एवं कमजोर वर्गों से किये गए वादों को पूरा करने में अपनी विफलताओं का ज़िक्र करें।

कांग्रेस नेता ने गोरखपुर हादसे का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने गोरखपुर घटना के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई और वह इस बात की गंभीरता नहीं समझ रहे कि लापरवाही भरे रवैये के कारण गोरखपुर में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो गई। 

कश्मीर समस्या पर प्रधानमंत्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि कश्मीरियों को गले लगाने से हमने उन्हें (पीएम मोदी) नहीं रोका। उन्हें सभी वर्गों से बात करनी चाहिए और राष्ट्र एवं कश्मीर में आम सहमति कायम करनी चाहिए। सभी को शामिल करने का प्रयास होना चाहिए।  

वहीं भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि मोदी के भाषण में कुछ भी खास नहीं था। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री विवाद के हल के लिए कश्मीरियों को गले लगाने की बात कर रहे थे तब उनकी बात में विश्वास नहीं झलक रहा है। 

नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी ने सच कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान गोली या गाली से नहीं हो सकता। मेरा मानना है कि इसमें दोनों पक्ष- आतंकवादी और सुरक्षा बल, आ जाते हैं।

इसके साथ ही उमर ने राष्ट्रीय मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि गोली और गाली के बिना उन टीवी न्यूज़ स्टूडियो का क्या होगा जो सभी कश्मीरियों के खिलाफ इन हथियारों को तैनात करने के विशेषज्ञ हैं।