केंद्र सरकार ने नारंगी पासपोर्ट जारी करने का फैसला वापस ले लिया है. सरकार की यह योजना थी कि जिन्होंने 10वीं की परीक्षा पास नहीं की है, उन्हें नारंगी रंग का पासपोर्ट दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले का यह भी अर्थ है कि पासपोर्ट का अंतिम पन्ना पहले की ही तरह छापा जाएगा. भारतीय पासपोर्ट के आखिरी पन्ने पर पते की जानकारी होती है. पासपोर्ट में लिखा पता मान्य प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाता है.
विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के बाद पिछला फैसला बदला. इस मुद्दे को लेकर विदेश मंत्रालय को काफी आवेदन मिले थे. इसके बाद विदेश मंत्री ने 29 जनवरी को समीक्षा बैठक की थी. गौरतलब है कि नारंगी पासपोर्ट के फैसले का कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी विरोध किया था और इसे सरकार की भेदभाव पूर्ण नीति बताई थी.
गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक घोषणा की थी. इसमें पासपोर्ट के आखिरी पन्ने को खत्म करने का प्रावधान था, जिसमें धारक के पता जैसी तमाम जानकारियां होती हैं. हालांकि अभी जो नीले रंग के पासपोर्ट जारी किए गए हैं वो भी वैध रहेंगे और उनको बदलवाया भी जा सकेगा. ये पासपोर्ट उन लोगों के लिए जारी किए जाएंगे जिन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं की है और वह विदेश काम के लिए जा रहे हैं. इनमें ज्यादातर खाड़ी देश जाते हैं. अब उनको इसके लिए संबंधित विभाग से अनुमति का प्रमाणपत्र लेना होगा.
क्या है नारंगी पासपोर्ट?
अब तक सभी आम लोगों के पास नीले रंग के पासपोर्ट हैं. इसमें ईसीआर और ईसीएनआर दोनों कैटेगरी के लोगों को शामिल किया जाता रहा है. लेकिन इस नारंगी रंग के पासपोर्ट में ईसीआर लोगों को ही शामिल किया जाएगा. सिर्फ इस रंग के माध्यम के ही पता लगा लिया जाएगा कि आपको विदेश जाने से पहले पास करने वाली 14 तरह की योग्यताओं के लिए बिठाया जाएगा. इससे चेकिंग डिपार्टमेंट का वक्त बचेगा और रंग से ही आपकी योग्यता पहचान ली जाएगी.