योग गुरु बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि एक बार फिर से विवादों से घिर गया है। आरोप है कि पतंजलि के उत्पाद पर अगले महीने की मैनुफैक्चरिंग डेट पाई गई है। बाजार में अप्रैल 2018 की मैनुफैक्चरिंग डेट वाले उत्पाद मार्च 2018 में उपलब्ध था। जबकि मार्च 2018 का तीसरा महिना है और अप्रैल चौथा महीना है। ऐसे में भारतीय खाद्य नियामक संस्था फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने इस संबंध में जांच के आदेश दिए हैं।
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फेसबुक और टि्वटर पर इसके बाद आगे की तारीख वाली मैनुफैक्चरिंग डेट वाले पतंजलि उत्पाद की तस्वीर भी वायरल हुई थी। जिसके बाद टि्वटर यूजर्स के मुताबिक, पतंजलि की आयुर्वेदिक औषधि गिलोय घन वटी के डिब्बी पर मार्च में मैनुफैक्चरिंग डेट अप्रैल 2018 लिखी मिली थी।
We are still in March 2018. But look at the Patanjali product date of manufacturing is April 2018. Now you can understand honesty of their product. #DhongiBaba pic.twitter.com/Lx0TBDTAOy
— Rishabh Pincha (@teaserbae) March 28, 2018
She: Surprise me!
Me: Patanjali ney March mey April ke manufacturing date waala product becha tha.
She: Wow! pic.twitter.com/5Mw8DtP8dK— Sourabh (@ganguly_nahi) April 4, 2018
ऐसे में लोगों ने इसकी डिब्बी मैनुफैक्चरिंग डेट वाली उत्पाद की फोटो खींचकर पोस्ट की, जिसके बाद यह वायरल होने लगी। यही नहीं, लोगों ने इस तस्वीर को ट्वीट करने के साथ एफएसएसएआई और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को टैग किया, ताकि उनके संज्ञान में भी यह मामला आए।
उधर, एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने एक वेबसाइट से कहा है, “सोशल मीडिया पर कई लोगों ने नियामक संस्था को टैग करते हुए उत्पाद की शिकायत की। हम जांच करा रहे हैं। राज्य खाद्य कमिश्नरों से बाजार में उत्पाद के नमूने भरने के लिए कहा गया है। जांच के बाद अधिकारी इस संबंध में रिपोर्ट जमा करेंगे।
हालांकि, पतंजलि ने उत्पाद की वायरल फोटो को नकली बताया है। कंपनी का कहना है कि आगे की तारीख वाली मैनुफैक्चरिंग डेट संग उत्पाद की वायरल तस्वीर हमारे प्रतिद्वंदियों ने फोटोशॉप की है। उनकी उत्पादों की बिक्री में गिरावट आई है। ऐसे में उन्होंने हमारी कंपनी की छवि खराब करने का प्रयास किया है।
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब बाबा रामदेव की कंपनी के उत्पाद पर आंच आई हो। पिछले साल पतंजलि के शहद, मुरब्बा और एडिबल ऑइल (खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाने वाला तेल) को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ था।