एआईयूडीएफ के मुखिया बदरुद्दीन अजमल सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत की शिकायत करेंगे। अजमल ने इंडियन एक्सप्रेस से बात चित में बताया की ये मसला राष्ट्रपति और पीएम के सामने चाय और मिठाई पर चर्चा के दौरान उठाएंगे। आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले सेना प्रमुख ने एआईयूडीएफ के विकास की तुलना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कराई थी। 21 फरवरी को दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में रावत ने कहा था, “एआईयूडीएफ नाम की पार्टी बीते सालों में भाजपा के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। हम जब दो सांसदों के साथ जनसंघ की और उसकी असल स्थिति की बात करते हैं तो एआईयूडीएफ ऐसी स्थिति में असम में तेजी से आगे बढ़ रही है।”
एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल लोकसभा से सांसद हैं और फिलहाल दिल्ली में हैं। उन्होंने इस बारे में बताया, “मैं वहां जाऊंगा और चाय पियूंगा। मिठाई भी खाऊंगा, लेकिन मैं उन्हें एआईयूडीएफ से जुड़े तथ्यों से भी परिचित कराऊंगा। हमें इस बात पर कोई गलती महसूस नहीं होती है कि हम कौन हैं और क्या करते हैं।”
अजमल इससे पहले मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे। उन्होंने इस दौरान राजनाथ को दो पन्नों का ज्ञापन भी सौंपा और सेना प्रमुख के बयान पर स्पष्टीकरण की मांग की। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अजमल बोले कि वह और उनके 13 विधायकों की राष्ट्रपति से मिलने की योजना है। वे इस मुलाकात में कोविंद को सेना प्रमुख की टिप्पणी से रू-ब-रू कराएंगे। यही नहीं, वे पीएम मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी इस मसले पर मिलेंगे। एआईयूडीएफ के मुखिया का कहना है, “सेना प्रमुख ने जो कहा मैं उससे समझ नहीं पाया कि वह क्या कहना चाह रहे थे। उन्हें अपने बयान को स्पष्ट करना चाहिए।” असम की 126 विधानसभा सीटों में एआईयूडीएफ साल 1985 में बनी थी। साल 2006 में यह सीटें जीती। 2011 में 18 सीटें हासिल कीं और 2016 में इसके हिस्से में 13 सीटें आईं।