महाराष्ट्र में दलित मुस्लिम गठजोड़ से भाजपा खुश !

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा राजनीतिक और सामाजिक उथलपुथल मची है। एक तरफ किसानों का विरोध प्रदर्शन है तो दूसरी ओर दलित समूहों का आंदोलन है तो उसकी प्रतिक्रिया में मराठा आंदोलन अलग चल रहा है। इसी बीच नए राजनीतिक समीकरण भी बन रहे हैं।

मौजूदा राजनीतिक माहौल में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रपौत्र प्रकाश अंबेडकर का महत्व बढ़ गया है। कांग्रेस, एनसीपी के साथ तालमेल करने वाले सांसद राजू शेट्टी भी उनसे बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर तीसरा मोर्चा बना कर लड़ने की तैयारी कर रहे असदुद्दीन ओवैसी भी उनके संपर्क में हैं।

ओवैसी और अंबेडकर की पार्टी की मंगलवार को एक रैली हुई है। इस रैली के जरिए दोनों ने मुस्लिम और दलित समुदाय की साझा ताकत का प्रदर्शन किया है।

भाजपा इस प्रदर्शन से खुश है। कारण यह है कि भाजपा को इन दोनों के वोट मिलने की उम्मीद नहीं है। तभी उसको लग रहा है कि कांग्रेस, एनसीपी, बसपा और स्वाभिमानी पक्ष के मुकाबले अंबेडकर और ओवैसी की पार्टी का मोर्चा बन जाता है तो भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा हो जाएगा। अंबेडकर और ओवैसी को इसका अंदाजा है पर ऐसा लग रहा है कि भाजपा को रोकने से ज्यादा बड़ा सरोकार उनके लिए अपनी पार्टी का आधार बढ़ाने का है। वे जितना वोट काटेंगे भाजपा को उतना फायदा होगा।