पाकिस्तान जिस ‘सरफ़राज़’ की सरपरस्ती में चैम्पियन बना, उसका ताल्लुक UP के इस शहर से है

बीते कल लंदन के ओवल मैदान में चैम्पियंस ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल मुक़ाबला ऐतिहासिक साबित हुआ। भारत को हराकर पाकिस्तान चैम्पियन बन गया। टीम इंडिया 158 रन पर ऑल आउट हो गई।

हालाँकि इस मैच के ऐतिहासिक होने की वजह एक और है। दरअसल आईसीसी के किसी भी टूर्नामेंट फ़ाइनल के इतिहास में रन के हिसाब से ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है।

लेकिन क्या आपको पता है कि जिसकी सरपरस्ती में पाकिस्तान ने यह बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया है वह मूल रूप से एक हिन्दुस्तानी हैं।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं टीम पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ अहमद की। सरफ़राज़ के कुछ रिश्तेदार अब भी भारत में रहते हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा में सरफ़राज़ के मामू महबूब हसन रहते हैं।

मूल रूप से प्रतापगढ़ ज़िले में कुंडा के रहने वाले महबूब हसन इटावा कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज में हेड क्लर्क के पद पर काम करते हैं।

महबूब हसन कहते हैं कि शुरुआत में पाकिस्तान में सरफ़राज़ का टीम का कप्तान बनना वहां के कई लोगों को पच नहीं रहा है, भले ही वो अपनी योग्यता से कप्तान बने हैं।

वो कहते हैं, “पाकिस्तान में मुहाजिरों की हालत किसी से छिपी नहीं है। कई पूर्व खिलाड़ी इस बात को हज़म नहीं कर पा रहे हैं कि एक मुहाजिर कैसे कप्तान बन गया?

महबूब हसन बताते हैं कि वो ख़ुद भी कराची गए हैं और इन चीजों को उन्होंने महसूस किया है।

महबूब हसन बताते हैं कि सरफ़राज़ और उनके माता-पिता यहां आते रहते हैं और वो लोग भी पाकिस्तान जाते हैं।

हसन बताते हैं कि सरफ़राज़ से उनकी आख़िरी मुलाकात साल 2015 में उस समय हुई थी जब वो सरफराज की शादी में पाकिस्तान गए थे।