सुषमा स्वराज की नज़र में पाकिस्तान के जरुरतमंद बिमार बच्चों के लिए कोई सीमा नहीं

आठ महीने पहले जब पाकिस्तान में कराची के सिराज अहमद और उनकी पत्नी हीरा अपनी 15 महीने की बेटी शिरीन को हार्ट सर्जरी के लिए भारत लाए थे तो उस समय वीजा हासिल करना कोई बड़ी समस्या नहीं थी।

लेकिन, पिछले महीने जब उन्हें शिरीन की एक और जटिल हार्ट सर्जरी के लिए दोबरा भारत आना था तो उनके लिए वीजा हासिल बहुत मुश्किल हो गया और उनके पास अधिक समय भी नहीं था।

अहमद ने बताया उन्होंने पहली बार एक ट्विटर एकाउंट बनाया और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की। अहमद ने ईटी को बताया, ‘मैंने 18 अक्टूबर की सुबह अपील की थी।

कुछ ही घंटों के अंदर मंत्री का जवाब आ गया। उसके बाद मुझे भारतीय उच्चायोग से फोन कर बताया गया कि मेरे लिए वीजा कराची भेजा जा रहा है। जब हम दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे तो कस्टम अधिकारियों ने इमिग्रेशन में काफी मदद की जिससे समय बर्बाद न हो।’ शिरीन की अब नोएडा के जेपी हॉस्पिटल में दूसरी बार हार्ट सर्जरी हो चुकी है और वह स्वास्थ्य लाभ कर रही है।

शिरीन की मां हीरा ने कहा, ‘डॉक्टरों ने बताया है कि जब शिरीन 10 साल की होगी तो उसे तीसरी हार्ट सर्जरी की जरूरत पड़ेगी। मुझे उम्मीद है कि जब हम उस समय आएंगे, तो भारत-पाकिस्तान के रिश्तों सुधार हो चुका होगा और वीजा आसानी से मिल जाएगा।

लोग भारत-पाकिस्तान के बीच दुश्मनी की बात करते हैं, लेकिन मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि भारत ने मेरी बच्ची को जिंदगी दी है।’

ईटी ने कुछ ऐसे पाकिस्तानी परिवारों से बात की जिनकी स्वराज ने मदद की है। इस साल की शुरुआत में भारत ने ऐसा नियम लागू किया है कि भारत आने के लिए मेडिकल वीजा का आवेदन करने वाले पाकिस्तानियों को अपने देश के नैशनल सिक्यॉरिटी एडवाइजर (NSA) की सिफारिश की जरूरत होगी।

लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी में लेक्चरर महविश के बेटे को जन्म से ही एक घातक ह्रदय रोग था। उन्होंने कहा, ‘एक आम पाकिस्तानी इस्लामाबाद में मौजूद NSA तक कैसे पहुंच सकता है? इससे आसान तो ट्विटर पर स्वराज तक पहुंचना है।

वह मेरे बच्चे के लिए परी के समान हैं।’ और महविश उनके आईटी इंजीनियर पति मोहम्मद फैसल जावेद अपने 4 साल के बेटे रोहन की सर्जरी के सिलसिले में पिछले तीन महीने से भारत में रहे हैं।

महविश ने बताया, ‘पाकिस्तान में हार्ट सर्जरी की सुविधाएं सीमित हैं। मैंने ट्विटर पर एक छोटा सा अभियान चलाया और स्वराज ने एक रात में ही हमारे वीजा को मंजूरी दे दी। हम उनका एहसान कभी नहीं चुका सकते।’

इसी हॉस्पिटल के एक अलग वार्ड में मौजूद लाहौर के शेखपुरा की शाजिया मुनीर ने कहा कि उनके वीजा के लिए पाकिस्तानी सरकार की तुलना में भारत सरकार ने जल्द जवाब दिया। शाजिया ने ईटी को बताया, ‘मैं अपने 4 साल के बेटे अब्दुल सबूर के साथ 15 नवंबर को भारत आई थी।

हमने वीजा के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों के पास आवेदन किया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। लेकिन भारत सरकार ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और यहां आने के लिए वीजा जारी कर दिया।