पाकिस्तानी सेना ने पुस्तक विवाद पर आईएसआई के पूर्व प्रमुख को तलब किया

पाकिस्तान की सीक्रेट सर्विस एजेंसी आईएसआई के पूर्व डीजी असद दुर्रानी ने हाल में पूर्व रॉ चीफ ए. एस. दुलत के साथ मिलकर एक किताब लिखी है, जिस पर पाकिस्तानी सेना ने आपत्ति जताते हुए दुर्रानी को उनके समक्ष तलब किया है। ‘स्पाई क्रॉनिकल’ नाम की यह किताब हाल में आई है। इसमें कश्मीर समस्या, करगिल युद्ध, ओसामा बिन लादेन का मारा जाना, कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी, हाफिज सईद, बुरहान वाणी समेत कई मुद्दों पर बात है।

इस किताब का नाम ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई ऐंड द इल्यूजन ऑफ पीस’ है जिसे दो स्पाईमास्टर्स और पत्रकार आदित्य सिन्हा ने लिखा है। इस किताब के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व डायेक्टर जनरल असद दुर्रानी और भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व सेक्रटरी ए. एस. दुलत ने कई मुद्दों को फिर से याद किया।

किताब में यह भी दावा किया गया है कि आईएसआई नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से ‘खुश’ था। खबरों के मुताबिक, किताब में दुर्रानी ने लिखा है कि पाकिस्तान की सीक्रेट सर्विस एजेंसी आईएसआई की पहली पसंद मोदी ही हैं। इस बात को विस्तार से समझाते हुए दुर्रानी ने लिखा है कि इसके पीछे मोदी की ‘कट्टरपंथी’ छवि है, आईएसआई आस लगाए बैठा है कि मोदी कोई ऐसा कदम उठाएंगे जिससे भारत की सेक्युलर छवि को नुकसान पहुंचेगा और उसका पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर फायदा होगा।

दुर्रानी ने किताब में यह भी दावा किया है कि उन्होंने 1998 में बीजेपी के सरकार बनाने से पहले भी एक लेख लिखा था, जिसमें कहा गया था कि भारत में बीजेपी की सरकार बनने पर पाकिस्तान को परेशान नहीं होना चाहिए। दुर्रानी ने यह भी लिखा है कि वाजपेयी सरकार ने उन्हें यह दिखाया कि मुस्लिम विरोधी सरकार भी पाकिस्तान के लिए उतनी बुरी नहीं है।

इस किताब की कई बातों पर पाकिस्तान नाराज लग रहा है। इसपर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने ट्विटर पर लिखा, ‘लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी (रिटायर्ड) को 28 मई 2018 को पाकिस्तानी सेना के हेडक्वॉर्टर में बुलाया गया है। उनसे ‘स्पाई क्रॉनिकल’ किताब के उनके रोल के बारे में पूछा जाएगा। उनके योगदान को मिलिट्री कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के तौर पर देखा गया है। यह कोड कार्यरत रहने के साथ-साथ रिटायर हो चुके लोगों पर भी लागू है।