ईदे फ़ित्र के मुबारक पर्व पर ईरान भर में एकेश्वरवादी मोमिन जनता ने एक महीने के रोज़े रखने और ईश्वर की उपासना में यह पूरा समय बिताने के बाद बड़े भव्य रूप से ईद की नमाज़ अदा की और ईश्वर का आभार व्यक्त किया।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, नमाज़े ईदुल फ़ित्र का सबसे भव्य समारोह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी नमाज़ केन्द्र में हुआ जहां इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई की इमामत में नमाज़े ईद अदा की गई।
नमाज़ में लाखों की संख्या में लोगों ने भाग लिया जबकि देश के वरिष्ठ अधिकारियों और अनेक देशों के प्रतिनिधी भी ईद की नमाज़ में शामिल हुए।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने नमाज़े ईद के ख़ुतबों में देश की जनता और समूचे इस्लामी जगत को ईदे फ़ित्र की मुबारकबाद दी और ईद के दिन को इनाम हासिल करने और रमज़ान के महीने को मोमिन इंसानों के बीच उपासना और प्रार्थना की प्रतिस्पर्धा का मौदान बताया।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इस बात पर बल देते हुए कि डील आफ़ सेन्चुरी योजना कभी भी सफल नहीं होगी, उन अरब देशों और फ़िलिस्तीनी गुटों की सराहना की जिन्होंने इस योजना का विरोध किया है।
वरिष्ठ नेता ने फ़िलिस्तीन के मुद्दे और डील आफ़ सेन्चुरी के रूप में अमरीका की विश्वासघाती योजना को इस्लामी जगत का प्रथम मुद्दा क़रार दिया और कहा कि बहरैन और सऊदी जैसे कुछ मुस्लिम देशों का विश्वासघात, इस प्रकार की विश्वासघाती योजना की भूमिका बने हैं।
वरिष्ठ नेता ने तथाकथित डील आफ़ सेन्चुरी आर्थिक बैठक के लिए बहरैन की मेज़बानी की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह बैठक अमरीकियों की है किन्तु बहरैन के अधिकारी अपनी कमज़ोरी और अक्षमता तथा इस्लामी और जनता विरोधी भावनाओं की वजह से इस बैठक के मेज़बान और इसको आयोजित करने वाले बन गये हैं और बहरैन तथा सऊदी अधिकारियों को यह जान लेना चाहिए कि वह किस दल में क़दम रख चुके हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अपने ईद के ख़त्बे में विश्व क़ुद्स दिवस की रैलियों में जनता की भव्य उपस्थिति पर दिल की गहराईयों से उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि इस महारैली में जनता की मज़बूत और भरपूर उपस्थिति, वैश्विक नीतियों और ईरानी राष्ट्र के दुश्मनों के इरादों पर प्रभावी है और उनके समीकरणों को उथल पुथल कर देती है।