फिल्म अभिनेता और भाजपा सांसद परेश रावल ने भीड़ द्वारा की जा रही हत्या को एक धर्म विशेष से जोड़ने पर आपत्ति जताई है। इसको लेकर उन्होंने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता है लेकिन हत्या करने वाली भीड़ का धर्म होता है।
Terrorist has no religion but lynch mob has ! What's there in name ?
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) July 2, 2017
इसके बाद उन्होंने शेक्सपीयर की प्रसिद्ध पंक्ति लिखा है-नाम में क्या रखा है। परेश रावल के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया भी दी है। एक यूजर ने लिखा है कि मॉब लिंचिंग का भी धर्म होता है। बशर्ते कि पीड़ित मुस्लिम हो और भीड़ हिंदू। अन्यथा इसका भी कोई धर्म नहीं होता है। कश्मीर में भीड़ द्वारा की गई हत्या को देख लीजिए।
Terrorist has no religion but lynch mob has ! What's there in name ?
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) July 2, 2017
वहीं दूसरी तरफ कासिफ कुरैशी नाम के यूजर ने लिखा है कि सर आप सांसद तो बन गए। लेकिन भड़काउ बयान देकर हालत क्यों बिगाड़ रहे हैं। क्या अब आप मंत्री बनना चाहते हैं। अपने लालच पर लगाम रखिए।
Sir u got d parliament seat, nw y tacitly fuelling d situation with 'Bhadkau' comments? Now u want 2 b a minister or what? Control ur greed
— kashif Qureshi (@kashiflion) July 3, 2017
एक और यूजर ने लिखा है कि नाम से ही तुष्टिकरण तय होता है। कृष्णा भंडारी नाम के यूजर ने लिंचिंग मॉब पर चल रही बहस पर तंज कसते हुए लिखा है कि बहुत मुश्किल से असहिष्णुता बोलना सीखा था लोगों ने, अब ये लिंचिग भी आ गया। ये तथाकथित लिबरल भी कमाल हैं।
गौरतलब है कि देश भर में पिछले कुछ दिनों से गौमांस और गौरक्षा के नाम भीड़ द्वारा कई मुसलमानों की हत्या लगातार हो रही है। अभी हाल ही में एक मामला झारखंड के रामगढ़ से आया था जहां गौमांस ले जाने का आरोप लगाकर मोहम्मद अलीमुद्दीन नामक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हालांकि इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित गौरक्षकों को चेतावनी भी दी थी।