तीन तलाक़ विधेयक पर बोलने को लेकर किशनगंज के सांसद मौलाना मोहम्मद असरारूल हक कासमी ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि पार्टी ने संसद में उनके आग्रह के बावजूद उनको बोलने की अनुमति नहीं दी। उनका कहना था कि पार्टी के इस रुख से असंतोष की आवाज पार्टी से उभर रही है।
अपने विरोध का समर्थन करते हुए सांसद ने कहा कि यह विधेयक संविधान, शरीयत और महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है और कहा कि वह इसके खिलाफ वोट देना चाहते थे लेकिन यातायात जाम होने के कारण समय पर संसद तक नहीं पहुंच सके। मौलाना ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पार्टी लाइन के खिलाफ है और इसे राज्यसभा में पारित नहीं किया जाना चाहिए।
कई सामाजिक मीडिया प्लेटफार्मों पर कासमी के बयान के एक वीडियो ने कांग्रेस की बड़ी आलोचना की है जो अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की नीति से दूर जाने की कोशिश कर रहा है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सबसे सख्त आलोचना की है और सोशल साइट पर लिखा कि हो सकता है हजरत मौलाना को नहीं पता था कि यह बहस 3 घंटे तक चली।
असरूल हक के प्रतिद्वंद्वी एआईएमआईएम बिहार के प्रमुख अख्तरुल इमान ने लोकसभा में तीन तलाक़ विधेयक पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उनका यह उनका कदम मिल्लत को परेशान कर रहा है और इसे अक्षम्य राजनीतिक अपराध बताया।