बाबा रामदेव की पतंजलि ने बैल से इलेक्ट्रिक पैदा करने दावा किया है। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट का नाम ‘बुल पावर’ रखा है। कंपनी ने दावा किया है कि बैलों की खींचने की ताकत की मदद से इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करने का आइडिया उन्हें डेढ़ साल पहले आया था। अब शुरूआती रिसर्च में सफलता मिली है।
कंपनी का यह भी कहना है कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पशुओं को बूचड़खाने से बचाना है। एनबीटी अखबार ने लिखा है कि यह प्रयोग पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण ने शुरू किया था।
बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में मल्टीनैशनल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर और एक तुर्की की कंपनी की सहायता ली जा रही है। रिसर्च प्रॉजेक्ट जुड़े लोगों का दावा है कि टर्बाइन वाले इस डिजाइन से लगभग 2.5 किलोवॉट पावर इलेक्ट्रिक पैदा की जा सकती है।
बालकृष्ण ने बताया, “ऐसे समय में जब बड़ी संख्या में बैलों को काटा जा रहा है, तो हम यह धारणा बदलना चाहते हैं कि बैल बहुत कीमती नहीं होते।” उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी पतंजलि हरिद्वार के अपने मुख्यालय में इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “बैलों का सुबह खेतों में और शाम को इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्राचीन समय में बैलों का इस्तेमाल हथियार ले जाने में किया जाता था। अगर टेक्नॉलजी की मदद से उनकी ताकत का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए तो वे काफी उपयोगी हो सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि इसका मकसद उन गरीबों की सहायता करना भी है जो इलेक्ट्रिसिटी पर खर्च नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम यह रिसर्च कर रहे हैं कि बैलों के इस्तेमाल से कैसे अधिक वॉट की पावर का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे एक किसान इसका इस्तेमाल अपने घर में बिजली के लिए कर सके।
हमें अभी तक अपनी इच्छा के मुताबिक परिणाम नहीं मिला है। हालांकि कंपनी का कहना है कि वो इस प्रोजेक्ट से पैदा हुई बिजली को बेचेगी नहीं।