UP: अस्पताल गुंडागर्दी पर उतारू था, इसलिए मजबूरन पिता को ज़ेवर बेचकर लेना पड़ा बेटे का शव

बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां राजधानी लखनऊ के एक अस्पताल में एक नवजात के शव को उस वक्त तक परिजनों के हवाले नहीं किया गया जबतक अस्पताल को पूरे पैसे जमा नहीं किए गए।

मामला मोहनलालगंज स्थित संजीवनी अस्पताल का है, जिसपर आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक नवजात की मौत हो गई और पूरे पैसे जमा न करने पर अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को बंधक बनाकर रखा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहनलालगंज इलाके के रहने वाले अंकित की पत्नी मानसी (21) को शनिवार रात प्रसव पीड़ा के बाद सीएचसी ले जाया गया। वहां इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने मामले को गंभीर बताकर निजी अस्पताल ले जाने को कहा। जिसके बाद रात करीब एक बजे मानसी को संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आरोप है कि परिजनों को बताए बिना रविवार शाम चार बजे महिला का ऑपरेशन कर प्रसव करा दिया गया। इसके कुछ ही घंटे बाद नवजात की मौत हो गई। इसके बावजूद अस्पताल के मेडिकल स्टाफ बच्चे के स्वस्थ होने की बात कहकर कई घंटों तक मामले को छिपाए रहा। पिता ने जब बच्चे को दिखाने का दबाव डाला तो अस्पताल ने नवजात की मौत की सूचना देते हुए साढ़े 8 हजार रूपए का बिल जमा करने को कहा।

जब पिता ने बच्चे का शव अस्पताल से मांगा तो वे पैसों की मांग करने लगे। पिता ने शव देने की अस्पताल से गुहार की लेकिन उन्होंने नहीं दिया और कहा कि पूरा पैसे देने के बाद ही शव दिया जाएगा।

गरीब पिता को अपनी पत्नी का गहना बेचकर अस्पताल का पैसा चुकाना पड़ा। तब जाकर उसे बच्चे का शव दिया गया और पत्नी को अस्पताल ने डिस्चार्ज किया। पीड़ित ने इस घटना की लिखित शिकायत एसडीएम से की।