रमज़ान का पाक महिना 28 मई से शुरू होने वाला है। रहमतों, बरकतों और खुशी के इस महीने का इंतजार हर ईमान वाले को रहता है।
लेकिन जो लोग बीमार हैं उनके लिए इस महीने में विशेष निर्देश हैं कि वह किन परिस्थितियों में रोज़ा रख सकते हैं या क़ज़ा कर सकते हैं।
यह एक अहम बात क्योंकि इस्लामी शरीयत एक पूरी जीवन प्रणाली है, इसलिए इस बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिशें भी की जा रही हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट, शुगर और किडनी की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को रमजान में सावधानी बरतने की ज़रूरत है। इफ्तार और सहरी के अनुसार उनकी दवाएं भी परिवर्तित होनी चाहिए और खाने भी।
रोज़ा जरूर रखें, लेकिन अगर उन्हें डॉक्टर रोज़ा नहीं रखने का सुझाव दे तो, रोज़ा कज़ा कर दें और दूसरी इबादत और विर्द जारी रखें।