शांति स्थापित करने के लिए भारत- पाकिस्तान संबंध होना जरूरी- फारुख अब्दुल्ला

नैशनल कान्फ्रेंस प्रधान और सांसद डा फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी हमेशा से भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा शांति के हिमायती रहे पर अफसोस वह यह देख नहीं पाए।

डा अब्दुल्ला ने कहा कि वे चाहते थे कि भारत हर किसी का हो। वह पाकिस्तान के साथ भी दोस्ताना संबंध चाहते थे। उम्मीद है कि मौजूदा सरकारें, मोदी जी और इमरान खान, उनका यह सपना साकार करें और यही उन्हें सही मायने में श्रद्धांजलि होगी।

नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला अपने बयान की वजह से फिर सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने कहा है कि वो उस भारत को स्वीकार नहीं करेंगे जहां इंसान को बराबरी हासिल नहीं। पूर्व सी.एम. ने कहा है कि हम आतंकवादी नहीं हैं।

भारत से अलग नहीं होना चाहते हैं। भारत विरोधी भी नहीं हैं। मगर हम उस भारत को तस्लीम (स्वीकार) नहीं करेंगे जहां इंसान को बराबरी नहीं है। फिर चाहे वो हिंदू हो, मुसलमान हो, सिख हो, इसाई हो। हमें वो भारत चाहिए जिसका ख्वाब गांधी ने देखा था।

बता दें कि इससे पहले फारूख अब्दल्ला ने कहा था कि वो किसी भी कीमत पर अनुच्छेद 35 ए में बदलाव नहीं होने देंगे। 11 अगस्त, 2018 को दिए अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि वह कब्र में जाने तक अनुच्छेद 35 ए के बदलाव के खिलाफ लड़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि अगर इस संवैधानिक प्रावधान को हटाया गया तो हालात संभालने मुश्किल हो जाएंगे। मैं आखिरी सांस तक इसके खिलाफ लड़ता रहूंगा। अनुच्छेद 35-ए जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार देता है।

इसके मुताबिक राज्य के बाहर का कोई व्यक्ति कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकता है। राज्य की कोई लडक़ी भी बाहर के लडक़े विवाह नहीं कर सकती है। अगर वो ऐसा करती है तो कश्मीर से उसके सारे अधिकार छिन जाएंगे। मतलब वो भी कश्मीरी नहीं रहेगी।