लखनऊ में कन्हैया कुमार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के बाद लिटरेरी फेस्टिवल हुआ रद्द

जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को लखनऊ में जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा। कन्हैया लखनऊ में लिटरेरी फेस्टिवल में शामिल होने के लिए आए थे। इस विरोध के बाद जिला प्रशासन ने लिटरेरी फेस्टिवल को कैंसिल कर दिया है।

कन्हैया कुमार इस लिटरेरी फेस्टिवल में अपनी किताब ‘बिहार से तिहाड़ तक’ पर चर्चा करने के लिए आए थे। कन्हैया कुमार के फेस्टिवल में शामिल होने को लेकर भाजयुमो और एबीवीपी के सदस्यों ने वहां जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं कन्हैया के समर्थकों और विरोध करने वालों के बीच हाथापाई भी हुई।

कई हिंदूवादी संगठन के लोगों ने कन्हैया कुमार को देशद्रोही बताते हुए वहां नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे की सूचना पाकर मौके पहुची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को किसी तरह से शांत किया। इस हंगामे के बाद कन्हैया कुमार ने कहा कि वे देशद्रोही नहीं हैं। उनका ताल्लुक स्वतंत्रता सेनानी के खानदान से है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें गोली भी मार दी जाए फिर भी वे संघर्ष के मैदान से पीछे नहीं हटेंगे। सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ उनका संघर्ष हमेशा जारी रहेगा।

कन्हैया कुमार से विरोध के बाद गोमतीनगर की एक निजी संस्था के लिटरेरी फेस्टिवल पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि कानून-व्यवस्था को देखते हुए कार्यक्रम को रद्द करने का आदेश दिया गया है।