पेट्रोलियम डीलर्स ने अपनी मांगों को लेकर 13 अक्टूबर को देशभर के करीब 54000 पेट्रोल पंप बंद करने का ऐलान किया है।
एसोसिएशन की यूनाईटेड बॉडी (UPF) का कहना है कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी में शामिल करे, ताकि डीलर्स के लिए बेहतर मार्जिन और कमीशन सुनिश्चित हो सके।
इसके साथ ही रोजाना पेट्रोल-डीजल के रेट बदलने के सिस्टम को खत्म किया जाए। पेट्रोल पंप संचालक लंबे समय से पेंडिंग अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए 27 तारीख से हड़ताल पर जा रहे हैं।
इस दौरान पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की खरीद-बिक्री पूरी तरह बंद रहेगी।
इस मामले में ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मेंबर अजय बंसल का कहना है कि हमारी मांगें डीलर्स के मार्जिन और कमीशन को लेकर हैं। मौजूदा वक्त में सप्लाई में कई तरह की गड़बड़ियां हैं।
वहीँ फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन के अध्यक्ष उदय लोध ने कहा कि ये फैसला यूनाइटेड पेट्रोलियम फ्रंट की पहली बैठक में लिया गया।
यह फ्रंट देशभर में पेट्रोल डीलर्स के तीन बड़े संगठनों को मिलाकर बनाया गया है। इनकी मांगों में ऑइल मार्केटिंग कंपनियों के साथ 4 नवंबर 2016 को हुए अग्रीमेंट को लागू कराना भी शामिल है।
इसके साथ ऑल इंडिया मोटर टांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) ने 9 और 10 अक्तूबर को चक्का जाम करने का ऐलान किया है। ये चक्का जाम नौ अक्तूबर को सुबह आठ बजे शुरू होगा और 10 अक्तूबर को रात आठ बजे तक जारी रहेगा।
एआइएमटीसी से जुड़े संगठन कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (सीजीटीए) की ओर से इसकी घोषणा की गई।